ज्ञापन में मुख्य रूप से विश्वविद्यालय की आधारभूत संरचनाओं के विकास और शिक्षकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों की विभिन्न समस्याओं के समाधान के मुद्दे शामिल हैं. नेताओं ने विश्वविद्यालय के 86 कर्मचारी की नियुक्ति को लेकर भी कुलाधिपति महोदय से चर्चा किया. इतना ही नहीं बल्कि विश्वविद्यालय में वर्षों से कई विषयों की नहीं पढ़ाई हो पाने की समस्या से भी अवगत कराया. उन्होंने विश्वविद्यालय में एमसीए, एमबीए एवं एलएलएम की पढ़ाई शुरू करने, बंद पड़े आर.एम.एम. लॉ कॉलेज को पुनः शुरू करवाने और नवाचार के कई कोर्सों की शुरुआत करने को लेकर उनका ध्यान आकृष्ट कराया. साथ ही ऐकेडमिक सीनेट कराने की जरूरत बताई.
इसके अलावे ज्ञापन के माध्यम से विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों के प्रोन्नति के संबंध में भी कुलाधिपति कि ध्यान आकृष्ट कराया गया. उन्होंने अनुदानित महाविद्यालय में कार्यरत प्राध्यापक को शोध कार्य को बढ़ावा देने के लिए शोध निदेशक एवं विश्विद्यालय में पदाधिकारी बनाने, अन्य गतिविधि में शामिल करने और वेतन देने के लिए पहल करने का उनसे आग्रह किया. अपने ज्ञापन के माध्यम से विश्वविद्यालय को कुलपति एवं प्रति कुलपति की नियुक्ति एवं कमीशन प्राचार्य की नियुक्ति के तरफ भी ध्यान आकृष्ट कराया.
कुलाधिपति ने सभी मुद्दों पर गंभीरतापूर्वक विचार करने के बाद आश्वासन दिया कि मंडल विश्वविद्यालय को 15 दिनों के अंदर अच्छे कुलपति, प्रति कुलपति एवं अधिकारी मिलेंगे. उन्होंने कोसी के पिछड़ेपन को देखते हुए कई नए कोर्सों के नवाचार शुरू करने को लेकर भी अपनी सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि बहुत जल्द इसको लेकर प्रयास किया जाएगा. महामहिम ने आश्वस्त किया कि बिहार के सभी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के शिक्षकों, कर्मचारियों व छात्र-छात्राओं के हितों के लिए राजभवन सदैव तत्पर है और राज भवन हर प्रकार की समस्याओं को दूर करने के लिए सदैव खुला रहेगा. कुलाधिपति ने कहा कि ऐकेडमिक सीनेट अवश्य होगा और उसमें वे भी शिरकत करेंगे.

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