इस कार्यक्रम में अपर समाहर्ता अरुण कुमार सिंह ने कहा कि हर व्यक्ति के जो मौलिक अधिकार है, वही अधिकार कैदियों को भी हैं और उन्हें हर हाल में यह अधिकार मिलना चाहिए. वरीय उपसमाहर्ता पंकज कुमार घोष ने संविधान में दिये गये राज्य के नीति निर्देशक तत्वों तथा मौलिक अधिकार पर चर्चा की. कहा कि सभी आम नागरिकों की तरह कैदियों को यह अधिकार मिलना चाहिये. अनुमंडल पदाधिकारी धीरज कुमार ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने 10 दिसंबर 1948 को मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा की.
जिला विधिक सेवा सचिव राजेश कुमार ने मानव अधिकार के इतिहास तथा संघर्षों पर विस्तार से प्रकाश डाला. साथ ही उससे जुड़े कानूनों की भी व्याख्या की. जेल के रिटेनर अधिवक्ता पंकज कुमार ने कहा कि सुलभ न्याय, सस्ता न्याय हर व्यक्ति का अधिकार है और जो कैदी इसे पाने में असमर्थ हैं, उन्हें जिला विधिक प्राधिकार की तरफ से मुफ्त में यह उपलब्ध करवाया जाता है.
इसके अलावा जेल अधीक्षक अमरशक्ति, अधिवक्ता बॉबी रानी ने भी अपने विचार व्यक्त किये. इस कार्यक्रम में जेल उपाधीक्षक सुमित कुमार, जेल चिकित्सक डॉ सुशील साहनी, जेल पीएलवी मेघनाद, विधिक सेवा के पीएलवी गौतम कुमार समेत जेल में बंद कैदियों की उपस्थिति रही.
(विधि संवाददाता)
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