डॉ शिवम ने बताया कि फ़िब्रोस्कैन एक अल्ट्रासाउंड टेस्ट के समान है, जो लीवर संक्रमण का निदान करने के लिए लीवर की कठोरता को मापता है. यह लिवर बायोप्सी का विकल्प है. लिवर फ़िब्रोस्कैन गैर-आक्रमक और लिवर बायोप्सी से अधिक सटीक है. लीवर की कठोरता आपके डॉक्टर को लीवर संक्रमण के चरण का आकलन करने में मदद करती है. यह स्कैन भी निशान ऊतक (फाइब्रोसिस) और लीवर में मौजूद वसा की मात्रा का मूल्यांकन करता है.
उन्होंने बताया कि दुर्बलता, थकान, उल्टी, वजन घटना, पीलिया, पेट दर्द और सूजन, गाढ़ा मूत्र, पीला या लाल रंग का मल आदि लिवर संक्रमण के लक्षण माने गए हैं.
गलत खान पान से लिवर सर्वाधिक खतरे में : डॉ श्रृंगी शिवम
डॉ शिवम बताते हैं कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का अभाव और निरंतर बढ़ रही गलत खान पान की आदतों की वजह से फैटी लिवर के मामले में तेज़ी से वृद्धि हुई है. मसालेदार और कार्बोहाइड्रेट की अधिकता वाले भोजन से अब बचने की जरूरत है. शराब की आदत, दर्द निवारक दवाओं का निरंतर सेवन और गरिष्ट भोजन से बचने की भी जरूरत है. अगर किसी का फैटी लिवर है तो उन्हें चिकित्सक की सलाह जरूर लेनी चाहिए.
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 13, 2023
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