पूर्व अध्यक्ष डॉ अनंत प्रसाद यादव ने कहा कि अधिक से अधिक संख्या में पेड़ लगाकर बिगड़े हुए वातावरण को सुधारना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। इन पेड़ों को लकड़ी माफिया थोड़ा-थोड़ा कर किश्तों में काटते हैं। जिससे पेड़ तो खड़े रहते हैं, लेकिन धीरे-धीरे सूखते जाते हैं। अंत में रात में काटकर गिरा देते हैं। बिगड़े हुए वातावरण को सुधारने की दिशा में प्रयास करें जिससे की आने वाला समय में शुद्ध वातावरण और संतुलित पर्यावरण मिल सके।
पर्यावरण असंतुलन को रोकने के भागीरथी प्रयास होते रहे हैं, किंतु स्थिति जस-की-तस है। अब ऐसे प्रभाव कानून बनाने एवं उनके क्रियान्वयन की जरूरत है, जो वन कटाई से वन क्षेत्र के असंतुलन को रोकने में समर्थ हों। दूसरी ओर, जन जागरुकता का स्तर इतना उच्च हो कि वह वनारोपण को जीवन का ध्येय बना लें। मौके पर सचिव प्रणय शाह, रंजीत कुमार सिंह, मिथिलेश कुमार, डॉ साकेत, डॉ मानव कुमार सिंह, रिशु, मुन्ना चौधरी समेत अन्य मौजूद थे।
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