महज कुछ ही घंटे हुए थे कोसी प्रमंडल के डीआईजी शिवदीप लांडे ने मधेपुरा पुलिस को बेहतर पुलिसिंग के लिए अवार्ड दिया था और तब उनकी पीठ थपथपाई थी, वहीं एसपी राजेश कुमार सहित आला अधिकारियों ने एक साथ फोटो सेशन भी कराया था। लेकिन इसके ठीक 12 घंटे बाद ही मधेपुरा पुलिस का क्रूर चेहरा सामने आ गया.
दरअसल सड़क जाम के एक मामले में आधी रात को पुलिस एक-एक घर में घुस कर बेरहमी से बच्चे, महिला, पुरुष और बुजुर्गों की पिटाई कर दी . हद की इंतहा तो तब हुई जब पुलिस ने पशुओं तक को नहीं छोड़ा. पुलिस की पिटाई में दर्जनों लोग घायल भी हुए. घटना चौसा थाना क्षेत्र के कलासन गांव की है जहां मंगलवार रात पुलिस की क्रूर चेहरा देखा गया. घटना की सूचना मिलने के बाद जब पूर्व सांसद सह जाप सुप्रीमो पप्पू यादव रात के करीब एक बजे वहां पहुंचे तब वहां पुलिस द्वारा बरती गई क्रूरता का भयानक सच सामने आया.
बताया जा रहा है कि बीते शुक्रवार 28 जुलाई को कलासन वार्ड संख्या 4 में अनिल साह ने पीट-पीटकर अपनी मां
विमला देवी की हत्या कर दी थी, और पिता को भी घायल कर दिया था. पुलिस ने आरोपी पुत्र अनिल साह को गिरफ्तार भी किया लेकिन इलाज के बहाने पुलिस अभिरक्षा से मां का हत्यारोपी पुत्र अनिल साह शनिवार की देर रात पीएचसी से फरार हो गया. इसके विरोध में रविवार को कलासन डोमासी चौक के पास मृतका के रिश्तेदारों और ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दिया जमकर बबाल काटा था, जहां पुलिस के साथ नोक झोंक भी हुई थी. पुलिस का आरोप है कि ग्रामीणों ने पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट की, एक दारोगा की सर्विस पिस्टल भी छीन लिया था. हालांकि सरकारी पिस्तौल बरामद हो जाने की बात भी पुलिस ने स्वयं कबूल की है.
विमला देवी की हत्या कर दी थी, और पिता को भी घायल कर दिया था. पुलिस ने आरोपी पुत्र अनिल साह को गिरफ्तार भी किया लेकिन इलाज के बहाने पुलिस अभिरक्षा से मां का हत्यारोपी पुत्र अनिल साह शनिवार की देर रात पीएचसी से फरार हो गया. इसके विरोध में रविवार को कलासन डोमासी चौक के पास मृतका के रिश्तेदारों और ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दिया जमकर बबाल काटा था, जहां पुलिस के साथ नोक झोंक भी हुई थी. पुलिस का आरोप है कि ग्रामीणों ने पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट की, एक दारोगा की सर्विस पिस्टल भी छीन लिया था. हालांकि सरकारी पिस्तौल बरामद हो जाने की बात भी पुलिस ने स्वयं कबूल की है.
गौरतलब हो कि इससे पूर्व आक्रोशित ग्रामीणों ने चौसा पुलिस के सहायक अवर निरीक्षक विनय शंकर प्रसाद को भी दौड़ा दौड़ा कर पीटा था जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था.
इसी मामले को लेकर कुछ नामजद और तीन चार दर्जन अज्ञात के खिलाफ पुलिस ने चौसा थाना केस दर्ज कराया था. लगा कि सड़क जाम के अन्य मामलों की तरह यह मामला भी ठंडा पड़ जायेगा लेकिन इस बीच मंगलवार की आधी रात जब कलासन वार्ड संख्या 4 में सभी लोग अपने घरों में सो रहे थे अचानक कई थाने की पुलिस एक साथ कलासन गांव में धावा बोल दिया और साह टोला की चारों तरफ से घेराबंदी की गई.
उसके बाद पुलिस ने एक एक घर में घुसकर बेरहमी से लोगों के साथ मारपीट की. कई लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर अपने साथ भी ले गई. गिरफ्तार लोग कहां हैं, कैसे हैं यह फिलहाल किसी को पता नहीं है, ग्रामीणों ने पुलिस पर लूटपाट का आरोप भी लगाया है . ग्रामीणों का आरोप है कि बुजुर्ग महिला-पुरुष से लेकर गर्भवती, प्रसूता और नवजात को भी नहीं छोड़ा गया. पुलिस ने घरों में तोड़फोड़ भी की. इतना ही नहीं घर में रखे अनाज, कपड़े, सामान इधर-उधर फेंक दिए, ग्रामीणों का कहना है कि कई घरों से पुलिस नगदी और जेवर भी लूट कर ले गई, वहीं फिलहाल घटना को लेकर कलासन गांव में जबरदस्त आक्रोश है तो उधर उदाकिशनगंज के एसडीपीओ सतीश कुमार का कहना था कि पुलिस ने किसी की पिटाई नहीं की है, ना ही कोई लूटपाट हुई है. कुछ लोगों को गिरफ्तार जरूर किया गया है .
इस बीच घटना की सूचना मिलने पर जाप सुप्रीमो सह मधेपुरा के पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव मंगलवार की रात 2 बजे के करीब हीं कलासन गांव पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की, उन्होंने अपनी आंखों से पुलिस द्वारा बरती गई क्रूरता भी देखी. पूर्व सांसद लगभग 3 घंटे तक वहां रुके रहे और एक-एक परिवार से मुलाकात की उनका हाल जाना और उन्हें न्याय दिलाने का भरोसा भी दिलाया. पप्पू यादव ने कहा कि सूबे में अब कानून का राज नहीं रह गया है . बड़े लोगों से लेकर आम लोग तक सुरक्षित नहीं हैं कहीं पुलिस की गोलीबारी में बेकसूर मारे जा रहे हैं तो कहीं पुलिस बेकसूर पर आधी रात को घर में घुसकर बेरहमी से पिटाई कर रही है. उन्होंने सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़ा कर पूछा कि कलासन गांव में जो घटना हुई है क्या? वहां आतंकवादी रहते थे? क्या पुलिस के पास ऐसा कोई सर्च वारंट था? जो आधी रात को घर घुसकर लोगों की बेरहमी से पिटाई की गई और तो और बिना महिला कांस्टेबल के हीं घर में घुसकर पुलिस लूट पाट भी की हद की इंतहा तो ये रही ये सब उदाकिशुनगंज एसडीपीओ सतीश कुमार के सामने होता रहा दर्जनों परिवार के बुजुर्ग महिला समेत बच्चों को बेरहमी से पीटा गया . जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने न्याय उचित जांच कर इन सबों सस्पेंड करने की मांग बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की है.
डीआईजी ने बेहतर पुलिसिंग के लिए पीठ क्या थपथपाई, आधी रात घर घुस पुलिस ने दबंगई दिखाई
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 03, 2023
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