उन्होंने आगे कहा कि राज्य के ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था के प्रबंधन में आशा कार्यकर्ताओं एवं फेसिलिटेटर्स की अहम् भूमिका के बावजूद सरकार ‘ग्रामीण स्वस्थ्य व्यवस्था योजना’ के सकल खर्च की एक न्यूनतम राशि भी इन पर खर्च नहीं करती है तथा इनके दिन-रात के मेहनत के बदले मात्र 1000/- रुपये की मासिक पारितोषिक देकर अपना पल्ला झाड़ रही है, जो किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है. प्रशासनिक स्तर पर भी राज्य के आशा कार्यकर्ताओं एवं फेसिलिटेटर्स के हो रहे निरंतर शोषण एवं उत्पीड़न की घटनाएं भी अत्यंत गंभीर मामला है.
उन्होंने आगे कहा कि बिहार राज्य चिकित्सा कर्मचारी संघ पूर्ण रूप से आशा कार्यकर्ताओं एवं फेसिलिटेटर्स के हड़ताल में उनके साथ खड़ा है. मधेपुरा समेत प्रदेश के सभी जिलों में यूनियन के सदस्य आशा कार्यकर्ताओं एवं फेसिलिटेटर्स के आंदोलनात्मक कार्रवाई में हिस्सा लेते हुए आन्दोलन को बल दे रहे हैं. वहीं दूसरी ओर यूनियन द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री को आशा कार्यकर्ताओं एवं फेसिलिटेटर्स के मांगों के समर्थन में एक ज्ञापन भी प्रेषित किया है.

No comments: