उन्होंने कहा कि न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) किशोर कुमार मंडल का जन्म 22 जनवरी, 1956 को श्रीमती भाग्यमणि मंडल और न्यायमूर्ति राजेश्वर प्रसाद मंडल के चौथे और सबसे छोटे बेटे के रूप में बिहार के मधेपुरा जिले में पूर्व मुरहो एस्टेट के प्रतिष्ठित मंडल परिवार में हुआ था.
जस्टिस मंडल स्वर्गीय भुवनेश्वरी प्रसाद मंडल के पोते थे, जो 1924 में बिहार उड़ीसा विधान परिषद के सदस्य थे और बाद में 1932 से 1948 में अपनी मृत्यु तक भागलपुर जिला बोर्ड के अध्यक्ष रहे. जस्टिस मंडल बाबू रासबिहारी लाल मंडल के परपोते थे. समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संस्थापक सदस्य और एआईसीसी सदस्य थे और उन्होंने दिसंबर 1910 में अखिल भारतीय गोप जातीय महासभा का गठन भी किया था.
मण्डल परिवार के अन्य सुविख्यात सदस्यों में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बीपी मंडल थे और स्वर्गीय सुरेश चंद्र यादव, पूर्व विधायक और स्वर्गीय रमेश चंद्र यादव, वरिष्ठ अधिवक्ता न्यायमूर्ति मंडल के चाचा थे. मधेपुरा के प्रख्यात चिकित्सक डॉ अरुण कुमार मंडल, ई. सुधीर मंडल और शेखर मंडल, (दोनों संयुक्त राज्य अमेरिका में कार्यरत) जस्टिस मंडल के बड़े भाई हैं.
न्यायमूर्ति मंडल ने वर्ष 1980 में पटना उच्च न्यायालय में बार में शामिल होकर अपना कानूनी करियर शुरू किया. उन्हें जल्द ही कई सरकारी पैनलों में नियुक्त किया गया और उन्होंने सरकार की ओर से उन्हें दिए गए अधिकांश कार्यों में अनुकूल आदेश और निर्णय प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत की. बाद में उन्हें सरकारी वकील (जीपी) के रूप में नियुक्त किया गया था. न्यायमूर्ति मंडल को दिसंबर, 2004 में वरिष्ठ वकील के रूप में नामित किया गया था. उन्हें भारतीय रेलवे के लिए वरिष्ठ वकील के रूप में सूचीबद्ध किया गया था. वर्ष 2004 में उन्हें निर्विरोध रूप से पटना हाई कोर्ट बार एसोसिएशन का उपाध्यक्ष चुना गया.
पटना उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने के बाद, उन्होंने 10.07.2007 को पद की शपथ ली और 7 जुलाई 2009 को इसकी पुष्टि की गई. न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान न्यायमूर्ति मंडल कई प्रशासनिक समितियों से जुड़े रहे. वे बिहार न्यायिक अकादमी के कार्यकारी अध्यक्ष भी थे. वे 21 जनवरी, 2018 को पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का पद से सेवानिवृत्त हुए. राज्य सरकार ने उन्हें राज्य अपीलीय प्राधिकार, पटना के अध्यक्ष (न्यायिक) के रूप में नियुक्त किया, जिस पर वे 21 फरवरी, 2018 को शामिल हुए.
न्यायमूर्ति मंडल को 20.6.2023 को कुछ बुखार हो गया था. उन्हें पटना के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सुधार न होने पर उन्हें 1 जुलाई, 2023 को एयर एम्बुलेंस द्वारा इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलीरी साइंसेज, नई दिल्ली ले जाना पड़ा. उनकी स्थिति में वहाँ भी सुधार नहीं हो सका और 7 जुलाई, 2023 को सुबह 7.40 बजे अस्पताल में उनका निधन हो गया. उनके परिवार में उनकी पत्नी श्रीमती मीनू मंडल, दो बेटियां रितु मंडल और रुचि मंडल और एक बेटा हर्ष मंडल हैं.
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