इस में कलाकारों ने दिखाया कि महिषासुर ने इन्द्रलोक पर आक्रमण कर इन्द्रदेव को पराजित कर स्वर्ग को अपने अधीन कर लिया. सब देवताओं ने मिलकर देवी शक्ति को सहायता के लिए पुकारा और इतने में ही सब देवताओं के शरीर में से निकले तेज ने एक अत्यंत खूबसूरत सुंदरी का रूप ले लिया. देवी का रूप देखकर महिषासुर उनके प्रति बहुत आकर्षित होने लगा और अपने विवाह का प्रस्ताव देवी को दिया. महिषासुर की इस हरकत ने देवी भगवती को अत्याधिक आक्रोशित कर दिया, उन्होंने महिषासुर को युद्ध के लिए ललकारा और कहा कि या तो पाताल लोक चला जाए या फिर अपनी मृत्यु के लिए तैयार रहे. युद्ध की ललकार सुनकर महिषासुर भगवती से युद्ध करने के लिए तैयार हो गया. एक-एक करके महिषासुर की संपूर्ण सेना का सर्वनाश हो गया. असुर सम्राट ने विभिन्न रूप धड़कर भगवती देवी को छलने की कोशिश की लेकिन उसकी सब कोशिश नाकाम रही. देवी भगवती ने अपने त्रिशूल से महिषासुर की सिर काट डाला. इस तरह देवी भगवती के हाथों उसकी मृत्यु हो गई.
जीवंत प्रस्तुति को मौजूद दर्शकों ने खूब सराहा. नृत्य-नाटिका के मुख्य भूमिका थे युवा रंगकर्मी और निदेशक बिकास कुमार, शिवम् कुमार, स्नेहा कुमारी, अनुपम कुमारी, रेशमी कुमारी,पल्लवी कुमारी आदि. बेहतरीन मंचन को सफल बनाने में संस्था सदस्य सौरभ सुमन, लक्ष्मी कुमारी, अभिलाषा कुमारी और सौम्य कुमार ने अहम भूमिका निभाई.
![चैती दुर्गा महोत्सव में सृजन दर्पण के कलाकारों ने दी नृत्य-नाटिका की जीवंत प्रस्तुति](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhRwzqFbjZmJWv7lZHoHC_FRFHQYUkWVrxgjSWwZw1wiK2j2wmgBd8oX4nZuXA0Cqat4fA6Gj5xj9pWrLE-i2Wgp_AikQIOhKdsFyHViE0n1YASXNwdhjIlsH8dnmhwSkJtIPqY6DUEPcrgxCC64LogiSLAgabHFDaGjH8uqlTzYH2aVJ5ynucQoofb/s72-c/WhatsApp%20Image%202023-03-31%20at%205.52.47%20PM.jpeg)
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