तीन दिवसीय 18वां वार्षिक संतपंथ सत्संग का हुआ समापन

मधेपुरा जिले के घैलाढ़ प्रखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत श्रीनगर में ग्राम वासियों द्वारा आयोजित तीन दिवसीय 18वां वार्षिक संतपंथ सद्गुरु कबीर सत्संग का समापन रविवार को देर संध्या किया गया. 3 दिनों तक चले इस कार्यक्रम में साहेब बंदगी साहेब के साथ गूंजता रहा. संत साहेब मंडलियों द्वारा संत प्रेमियों को बताया गया कि वर्तमान समय में कबीर के बताए मार्गो में चलकर सात्विक जीवन जीने की कला को विस्तृत रूप में बताया.

समापन के मौके पर भारी संख्या मे धर्मप्रेमियों की भीड़ जुटी रही. जहां संध्याकाल स्तुति विनती प्रार्थना व आरती के बाद संतों का माला पहनाकर सम्मान किया गया और अंगवस्त्र देकर विदाई दी गई. आगंतुक साधु संत सहित धर्मप्रेमियों के लिए भोजन शयन व शौचालय आदि की व्यवस्था की गई थी. इसके साथ ही लगातार तीन दिनों तक सैकड़ो लोगों ने भंडारा प्रसाद ग्रहण किया. समापन समारोह के दौरान साधु संतों एवं मातावलंबियों के मुख से साहेब बंदगी का उद्घोष हो रहा था. 

शुक्रवार से प्रारंभ हुए सत्संग सह प्रवचन कार्यक्रम मे संतो ने अपने प्रवचन के माध्यम से लोगों को सच्चाई और अच्छाई के रास्ते पर चलने तथा जीवन रूपी भवसागर से पार होने की सीख दी. संतों ने मानव कल्याणार्थ प्रवचन देते हुए कहा की संतो की वाणी का मनुष्य अनुसरण कर सदमार्ग पर चलेंगे तो उन्हें अवश्य ही मुक्ति मिलेगी. कहा कि मोह माया के चक्कर में पड़कर ही मनुष्य अपने जीवन को सफल बनाने के मुख्य उदेश्य को भूल जाता है. बताया कि सत्संग के बिना मानव को सद्ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती है. कहा कि बिभिन्न योनियों में भटकने के बाद जीव को मानव रूपी तन मिलता है. जिसका मुख्य उदेश्य प्रभु भक्ति में लीन रहना है. इसलिए मानव जीवन की सार्थकता को समझकर भक्ति भजन से जुडे रहने की जरूरत है. संत कबीर के विचारों से अवगत कराते हुए कहा कि विहंगम योग मे जाति-धर्म का कोई बंधन नहीं है और परस्पर मानवीय प्रेम ही इसका मुख्य आधार है. यह प्रेम सामाजिक विसंगतियों को दूर कर सामाजिक सद्भाव की कड़ी को बल देता है. कहा कि समाज में जितनी भी कुरीतियां फैली हुई है वह सब मनुष्य के अनैतिक कर्मों का ही नतीजा है. नैतिकता की राह पर चलने के लिए हमें अपनी चेतना को जागृत करना होगा और चेतना की जागृति सत्संग से होती है. 

सत्संग सह प्रवचन कार्यक्रम में योगाचार्य महंत श्री असंग स्वरूप साहेब, जीवन ज्योति केंद्र पूर्णिया से श्री जितेंद्र साहेब, संत कबीर आश्रम रानीपत्रा पूर्णिया से श्री जय स्वरूप साहेब, वैशाली के रामाशंकर साहेब, काशी से संत श्री ज्ञान प्रकाश शास्त्री ,नेपाल से श्री संत उमाशंकर साहेब, हरियो भागलपुर से संत श्री छेदन साहेब, झिटकिया से केदार साहेब सहित कई संत महात्माओं ने आयोजन में हिस्सा लिया.

तीन दिवसीय 18वां वार्षिक संतपंथ सत्संग का हुआ समापन तीन दिवसीय 18वां वार्षिक संतपंथ सत्संग का हुआ समापन Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 19, 2023 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.