राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर इंजीनियरिंग कॉलेज में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस सह पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का आयोजन
National Science Day: इतिहास
सीवी रमन, तमिल ब्राह्मण परिवार से आए थे, जो स्कूल और फिर विश्वविद्यालय के एक होनहार छात्र थे. रमन ने संगीत ध्वनियों की भौतिकी का अध्ययन किया और अंततः प्रकाश के बिखरने की घटना का निरीक्षण और विश्लेषण करना शुरू किया. उनके अध्ययन की वजह से नई खोज हुई जिसे 'रमन प्रभाव' के रूप में जाना जाता है.
National Science Day: इस दिन का उद्देश्य क्या है?
लोगों में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने और समाज में विज्ञान के प्रति जागरुकता लाने के लिए हर साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है. यह मानव जाति की प्रगति के लिए वैज्ञानिक विश्लेषण और खोज के महत्व पर प्रकाश डालता है. यह भारतीय नागरिकों को भौतिक दुनिया को प्रभावित करने वाली घटनाओं का अध्ययन करने और समझने के लिए प्रोत्साहित करता है.
National Science Day: क्या है इस साल की थीम ?
"वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान" इस साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम है. केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने नेशनल मीडिया सेंटर, नई दिल्ली में इस विषय का खुलासा किया. थीम का मतलब है कि भारत समेत पूरी दुनिया 2023 में नई वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रही है. इन चुनौतियों का सामना करने और विश्व कल्याण के लिए विज्ञान के महत्व को उभारना जरूरी है.
Raman Effect: 'रमन प्रभाव' क्या है?
वैज्ञानिक सी.वी. रमन ने 28 फरवरी 1928 को 'रमन इफेक्ट' की खोज की थी. उन्होंने साबित किया था कि अगर कोई प्रकाश किसी पारदर्शी वस्तु के बीच से गुजरता है, तो प्रकाश का कुछ हिस्सा विक्षेपित होता है. जिसकी वेव लेंथ में बदलाव होता है. इस खोज को रमन इफेक्ट नाम दिया गया.
सीवी रमन को नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया
सी.वी. रमन को उनके अविष्कार 'रमन इफेक्ट' के लिए साल 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. सी.वी. रमन नोबेल पुरस्कार जीतने वाले पहले एशियाई नागरिक थे. सी.वी. रमन को साल 1954 में भारत रत्न से भी नवाजा गया था.
मौके पर उपस्थित महाविद्यालय के प्राचार्य, सभी विभागाध्यक्ष एवं शिक्षणगण और महाविद्यालय के छात्र एवं छात्राओं की उपस्थिति में कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रुप में प्रो. (डॉ) नरेश कुमार, प्राध्यापक, बी.एन. मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा एवं अजय कुमार प्राचार्य, राजकीय पोलिटेकनिक मधेपुरा के द्वारा छात्र/छात्राओं को सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम के सफलतापूर्वक आयोजन हेतु विभागीय निदेशानुसार डॉ. मनीष कुमार जयावाल, सहायक प्राध्यापक, रसायन को नोडल पदाधिकारी नामित किया गया था. मौके पर उपस्थित प्रो. कुणाल कुमार, प्रो. मंरलीधर प्रसाद सिंह, ई. हक एवं प्रो. राज कुमार सहित अन्य सभी पदाधिकारियों ने सभी छात्रों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दी.
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