जानकारी के अनुसार कुमारखंड प्रखंड के परिहारी वार्ड नंबर 12 निवासी कंचन देवी पति को प्रसव के लिए सदर अस्पताल मधेपुरा से जेएनकेटी मेडिकल कॉलेज में रविवार सुबह 9 बजे भर्ती कराया गया। रविवार रात को 7 बजे के करीब उसकी मौत की सूचना पर परिजन आक्रोशित होकर मेडिकल कालेज के चिकित्सक, नर्स और गार्ड से उलझ गए। हालांकि गार्ड और पुलिस ने किसी तरह चिकित्सक सहित मेडिकल कालेज कर्मी को बचाया।
इस बावत मृतका कंचन देवी की सास निर्मला देवी ने बताया कि रविवार सुबह को सदर अस्पताल मधेपुरा से जेएनकेटी मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया। यहां चिकित्सक और जीएनएम का व्यवहार काफी खराब रहा। जब चिकित्सक को ऑपरेशन के लिए कहा गया तो चिकित्सक और नर्स डांट फटकार कर भगा देती थी। इसके बाद चिकित्सक ने कहा कि दोपहर एक बजे ऑपरेशन होगा। जब 1 बजे वहां पहुंचे तो कहा ब्लड चढाना पड़ेगा। ब्लड लाकर दिया तो फिर ब्लड चढाया गया। लेकिन रात 7 बजे चिकित्सक, नर्स कक्ष से भाग गई तो आशंका होने पर देखा तब तक मरीज की मौत हो चुकी थी। मरीज की 5 बजे ही मौत हो गई थी। लेकिन 7 बजे सूचना मिली। वहीं प्रसव कक्ष को छोड़ कर सभी चिकित्सक और अस्पताल कर्मी फरार है। वही घटना के बाद परिजन के द्वारा एसपी को आवेदन देकर चिकित्सक और जीएनएम तथा दोषी पर कारवाई की मांग की है।
डॉ. कृष्णा प्रसाद, अधीक्षक, जेएनकेटी मेडिकल कॉलेज मधेपुरा के अनुसार प्रसूता को खून की कमी थी। चिकित्सक की निगरानी में खून चढ़ाया जा रहा था। ऑपरेशन की तैयारी की जा रही थी, इसी बीच प्रसूता की मौत हो गई। प्रथम दृष्टया चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी की गलती नहीं सामने आई है बावजूद मामले की जांच कराई जाएगी।
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