वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में बच्चों एवं अभिभावकों को संबोधित करते हुए हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी जयशंकर ठाकुर ने कहा कि मध्यम वर्गीय लोगो के लिए शिक्षा एक ऐसी टॉनिक है जो उनके भविष्य को संवार सकता है. फिल्ड चाहे कोई भी हो शिक्षा ही बच्चो को शिखर तक पहुंचा देता है.
इसलिए बेटे-बेटियों के हाथों में मोबाइल देकर उनके भविष्य को बिगाड़ने से अच्छा है उनके गतिविधियों पर ध्यान व अच्छी शिक्षा देना है. कहा कि वर्तमान परिवेश में बच्चो के बचपन को खत्म ना होने दें. उनके बचपन को हमेशा बनाए रखे. जो बच्चे अपने बचपन को जीता है उसी बच्चे का जवानी और बुढ़ापा सफल होता है.
बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि हमारे बेटे भटकते जा रहे हैं. इसलिए बेटे का ध्यान भी बेटियों की तरह ही रखने की जरूरत है. विद्यालयों में बेटियों की अपेक्षा बेटो की उपस्थिति कम देखने को मिलती है. इसलिए जिस तरह बेटियों के घर आने में देरी होने पर अभिभावकों को बेचैनी बढ़ जाती है उसी तरह बेटे का भी ध्यान और ख्याल रखना उतना ही जरूरी है. वरना बेटे बिगड़ जाएंगे और हाथ से निकल जाएंगे.
कुलपति आर.के.पी. रमन ने भी संदेश देते हुए स्वामी विवेकानंद के शिक्षा ग्रहण करने के तरीके के विषय में चर्चा की स्वामी विवेकानंद के मार्ग पर चलने को कहा.
स्कूल के निदेशक डॉ मानव कुमार सिंह के द्वारा उपस्थित अतिथियो को सम्मानित किया गया. मौके पर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष किशोर कुमार, प्रो. अनंत कुमार यादव, राकेश कुमार सिंह, डॉ रूपेश कुमार समेत विद्यालय परिवार के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मी उपस्थित थे.
सांस्कृतिक कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने एक से बढ़कर एक आकर्षक प्रस्तुति देकर कार्यक्रम को बहुत ही यादगार बना दिया. छात्र-छात्रा ने एकल नृत्य और सामूहिक नृत्य करके दर्शकों को अपनी कुर्सियों पर चिपके रहने पर मजबूर कर दिया.
कई छात्र-छात्राओं ने नाटक की प्रस्तुति द्वारा समाज के लोगों को जागरूक किया. लड़कियों पर हो रही हिंसा, बेटी को बचाओ, बेटी को पढ़ाओ, बाल श्रम जैसे संदेश संगीत और नाटक के माध्यम से छात्र-छात्राओं, छोटे छोटे बच्चों ने बयान से लोगों का मन मोह लिया. मंच संचालन कर रहे प्राची प्रिया और दिव्येंशु और कोमल और अमृत ने शुरुआत में खूब मनोरंजन किया.
(नि. सं.)

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