जिसका शुभारंभ जिला प्रोग्राम पदाधिकारी रश्मि कुमारी, पूर्व प्रधानाचार्य-सह-सदस्य ओ.एस.सी, डॉ शांति यादव, प्रबंध निदेशक किरण पब्लिक स्कूल, मधेपुरा अमन प्रकाश, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी अहमद रजा खां, परियोजना प्रबंधक कुमारी शालनी एवं जिला समन्वयक अंशु कुमारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नोडल पदाधिकारी-सह-जिला प्रोग्राम पदाधिकारी श्रीमती रश्मि कुमारी ने कहा की पुरुष और महिलाएं एक सिक्के के दो पहलू है जिसे कदम से कदम मिलाकर चलने की आवयश्कता है. साथ ही दहेज प्रथा का विरोध करते हुए कहा कि दहेज लेना और देना दोनों कानूनन अपराध है. ऐसा करने पर व्यक्ति को 5 वर्ष तक ही सजा हो सकती है. महिलाओं के विरुद्ध हिंसा रोकने में वन स्टॉप सेंटर-सह-महिला हेल्पलाइन मिल का पत्थर हो रहा है. जिसका सहयोग लेकर महिलाएँ हिंसा से बच सकती है.
वहीं संबोधित करते हुए डॉ शांति यादव ने कहा कि महिलाओं को हिंसा की पहचान कर उनसे विरुद्ध आवाज उठाने की जरूरत है. साथ ही कहा कि महिलाएँ को पढ़-लिखकर आर्थिक रूप से स्वावलंबी होकर अपना निर्णय खुद लेना चाहिए. बच्चियां को मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण देना चाहिए ताकि किसी भी हिंसा से खुद को बचा सके. दहेज प्रथा का विरोध करते हुए कहा कि दहेज लेना भी ह्यूमन ट्रैफिक है.
वहीं सीडीपीओ अहमद खां ने कहा कि महिलाओं के प्रति हिंसा का प्रारंभ परिवार से ही होता है और जिसे परिवार के लोगों द्वारा खत्म किया जा सकता है. बच्चे और बच्चियाँ अनुशासनिक जीवन से बेहतर पढ़ाई करते हुए अच्छे समाज का निर्माण कर सकती है.
वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रबंध निदेशक अमन प्रकाश ने कहा कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं को देवी का रूप माना गया है. आज के समाज में महिलाओं को अपने अधिकारों को पहचानने की जरूरत है. परियोजना प्रबंधक कुमारी शालिनी के द्वारा वन स्टॉप सेंटर-सह-महिला हेल्पलाइन द्वारा किये जा रहे कार्यों के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया.
कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम सहायक राजेश कुमार, महिला थाना प्रतिनिधि आरती कुमारी, किशोर कुमार, धर्मवती पांडेय, गौरी कुमारी, संतोष कुमार, रितेश कुमार, सुभियान, सुधीर कुमार, चंदन कुमार, तुशान्त कुमार के साथ-साथ किरण पब्लिक स्कूल के सैकड़ों बच्चे-बच्चियाँ मौजूद थे.
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