इसके बाद अपने संबोधन में चंद्रिका यादव ने कहा कि पण्डित नेहरू सिर्फ स्वतंत्रता सेनानी व भारत के प्रथम प्रधानमंत्री ही नहीं थे बल्कि बच्चों के चाचा नेहरू के रूप में भी उनकी अलग पहचान थी. यही कारण है कि उनके जन्मदिन को बाल दिवस के खास रूप में मनाया जाता है. यह दिन पूरी तरह से हर जिम्मेदारियों से मुक्त बच्चों के खुशियों का होता है. अपने संबोधन में उन्होंने बच्चों को पंडित जवाहरलाल नेहरू के कृतित्व व व्यक्तित्व से प्रेरणा लेने की अपील की.
वहीं उप प्राचार्य मदन कुमार ने कहा कि बच्चे समाज व राष्ट्र के भविष्य होते हैं. उन्हें हम जितना बेहतर सीचेंगे वो उतने ही बेहतर आकार लेंगे. एकेडमिक इंचार्ज ओम प्रकाश ने कहा कि बाल दिवस हमें बच्चों की इच्छा व सोच को समझने का अवसर देता है और उन्हें आंनद के अनुभूति का. बाल दिवस के अवसर पर सभी शिक्षकों ने अपनी मिमिकरिंग, जोक, गीत, भाषण से बच्चों के दिन को खास बनाया. वहीं छोटे-छोटे बच्चों द्वारा प्रस्तुत नृत्य ने सबका दिल जीत लिया.
इस दौरान विद्यालय की ओर से सभी क्लास के बच्चों को खेल की सामग्री उपहार स्वरूप भेंट की गई. बच्चों के लिए जहां अल्पाहार की व्यवस्था थी वहीं अन्य कई अल्पाहार के स्टाल भी लगाए गए थे. कार्यक्रम के अंत में पूर्व में आयोजित दीप, आर्ट, क्राफ्ट, रंगोली प्रतियोगिता के सफल बच्चों को मेडल, उपहार के साथ सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम का संचालन हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने किया. मौके पर शिक्षक कृष्णा कुमार, हिमांशु, उत्तम दास, मंजू घोष, नूतन आर्या, कविता, राखी जमुआर, पम्पा, दिलीप कुमार, शिव कुमार, प्रिंस, कुणाल, कृष्णा, मनीष आदि के संग सैकड़ों की संख्या में छात्र छात्राओं की भीड़ रही.
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