बताया जाता है कि डाकबंगला रोड में मल्लिक समाज के 26 घर लगभग तीन दशक के रह रहे थे। प्रशासन के लोगों ने बताया कि यह जगह खाली करने के एवज में प्रशासन द्वारा मदनपुर व खौपेती में जगह दिया जा रहा था। लेकिन कुछ लोग को छोड़ अधिकतर लोग उसी जगह पर अपना ठिकाना बना लिये थे। जिसके कारण सड़क काफी संर्कीण हो गया था। लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। छोटी-छोटी घटना के बाद झगड़ा होना आम बात थी। अतिक्रमण कर रह रहे लोगों को पहले लगा कि पहले की तरह इस बार भी मामला नोटिश के बीच दब के रह जाएगा। यही कारण है कि प्रशासन के नोटिश व माइकिंग के बाद भी ये लोग ठिकाना नहीं बदले। लेकिन जैसे ही इनलोगों को इसकी भनक लगी, वैसे ही पहले एसडीएम कार्यालय का घेराव किया। लेकिन एसडीएम ने कुछ सुनने के बजाए पुलिस बल के साथ अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया। ऐसे में इनलोगों को समान हटाने का मौका नहीं मिला। प्रशासन के कड़े तेवर के बाद ये लोग नरम पड़ गये और तेजी से अपने घरों का समान हटाना शुरू कर दिया। अतिक्रमणकारी का कहना था कि प्रशासन को थोड़ा मौका देना चाहिए था।
वहीं इस मामले में मधेपुरा एसडीएम नीरज कुमार ने बताया कि हटाने से पहले इनलोगों को कई बार नोटिश दी गई थी। लेकिन इनलोगों ने अनसुनी कर दिया। जिसके बाद प्रशासन ने यह कदम उठाया है।
जिला प्रशासन के इस कदम के बाद आम लोगों की प्रतिक्रिया प्रशासन के पक्ष में थी. कई लोगों का कहना था कि उस सड़क से वाहन से जाने में डर लगता था, इन लोगों का अतिक्रमण लगातार बढ़ रहा था. सड़क पर ही ये बैठे रहते थे और बच्चे दौड़ते रहते थे. कई बार इन्हें हटने कहने पर ये लड़ जाते थे. मार्केट एरिया में ऐसे खुलेआम अवैध अतिक्रमण करना गैर कानूनी था और अतिक्रमणकारियों का मनोबल बढाने जैसा था. और जब इन्हें बसने के लिए अन्य जगह दी ही जा रही है तो इनका यहाँ रहना अनुचित है. लोगों ने मेन रोड समेत अन्य जगहों पर अतिक्रमण हटाने की मांग प्रशासन से की ताकि आवागमन सुविधाजनक बन सके और जाम से भी छुटकारा मिल सके.
गरीबों पर बुलडोजर चलाते हो।।।
ReplyDeleteजिसने गौचर भूमि कब्जा किया हुआ है,भूदान जमीन कब्जा किया हुआ है,पोखर की जमीन कब्जा किया हुआ है,नहर की जमीन कब्जा किया हुआ है
उस पर कब चलाओगे?????
हिम्मत नही है सरकारी अधिकारियों की क्योंकि ये सब जमीन इन्ही लोगो के रिश्तेदारों ने कब्जाई है।।।।
भूदान की जमीन भूदान मंत्री लिए बैठे है तो गौचर भूमि मोहरिल अमीन और अन्य।।।।