प्रदर्शन का नेतृत्व जिला ईंट संघ के अध्यक्ष धुर्वेन्द्र कुमार कर रहे थे. प्रदर्शन में पूरे जिले के दर्जनों ईंट भट्ठा मालिक और उनके समर्थक शामिल थे. प्रदर्शन वी.पी. मंडल चौक से निकलकर कॉलेज चौक होते हुए शहर में भ्रमण करते हुए कला भवन पहुंची जहां प्रदर्शन धरना में परिणत हो गया.
धरना को सम्बोधित करते हुए संघ के अध्यक्ष श्री कुमार ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा ईंट पर छः गुणा जीएसटी लगाये जाने से ईंट निर्माताओं का रोजगार समाप्त होने के कगार पर है. वहीं दूसरी तरफ कोयला के मूल्य पर तीन गुणा बढ़ोतरी से ईंट उद्योग को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. उन्होंने सरकार से शहरों से उगाही होने वाले मिट्टी ईंट निर्माता को देने की मांग की है.
अध्यक्ष ने कहा कि लाल ईट निर्माता सरकार को भारी टैक्स देने के बावजूद सरकार के विभिन्न योजना के निर्माण में लाल ईट का उपयोग में नही लिया. यह ईंट निर्माताओं के साथ अन्याय है. हम सरकार से मांग करते हैं कि सरकारी योजनाओं में लाल ईंट लगाने का आदेश दिया जाय.
संघ के सचिव देवकृष्ण यादव उर्फ फौजी ने कहा कि सात-आठ वर्षो में उत्पादन लागत में चौगुनी वृद्धी हुई लेकिन सरकारी दरों में कोई वृद्धि नहीं हुई जिसके कारण ईंट निर्माता कर के बोझ में डूब रहे हैं. उन्होने सरकार से ईट की कीमत में वृद्धि करने की मांग की.
श्री यादव ने कहा कि मनरेगा योजना में विगत तीन वित्तीय वर्ष 19-20, 20-21 और 21-22 में सरकार के लाखों का लम्बित भुगतान का बकाया है. उन्होंने अविलम्ब भुगतान की मांग की.
धरना को मुख्य रूप से सम्बोधित करते हुए कोशी ईंट निर्माता संघ के सचिव विश्व प्रकाश भारती, सचिव देव कृष्ण यादव उर्फ फौजी, कोषाध्यक्ष संजीव कुमार, राजेश कुमार रोशन, लड्डू कुमार, अनीश कुमार, मनीष गुप्ता, सनोज कुमार, धनश्याम चौधरी, देव कृष्ण कुमार, उमेश यादव, मनोज कुमार, संतोष कुमार, राज कुमार, कैलाश कुमार आदि ने संबोधित किया.
धरना समाप्ति के पश्चात जिला ईट संघ के प्रतिनिधिमंडल ने भारत सरकार के नाम एक ज्ञापन डीएम को सौंपा. जिसमें जीएसटी 6 गुणा वृद्धि को 2 प्रतिशत किया जाय, कोयला सब्सिडी रेट पर मुहैया कराया जाय, ईंट निमार्ण के लिए मिट्टी उपलब्ध कराया जाय, सरकारी कार्य में लाल ईंट पर लगे प्रतिबंध को खत्म किया जाय, ट्रैक्टर से माल ढुलाई साढ़े सात टन किया जाय, बकाया माइनिंग टैक्स से ब्याज मुक्त किया जाय सहित अन्य मांग शामिल थे.

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