मामला दो अलग अलग थानों से संबंधित है। पहला मामला ग्वालपाड़ा के अरार ओपी में दर्ज कांड संख्या 177/2022 में आरोपियों की ओर से जिला जज के कोर्ट में दायर ए बी पी 898/2022 फाइल किया गया था। जिसमे कोर्ट द्वारा ग्वालपाड़ा एस एच ओ से केस से संबंधित डायरी की मांग की गई थी ताकि ससमय उक्त केस में न्यायिक करवाई की जा सके। लेकिन कोर्ट द्वारा बार बार इस संबंध में थाना को नोटिस भेजकर डायरी कोर्ट में जमा करने की हिदायत दी जाती रही। बावजूद इसके थाना पुलिस द्वारा कोर्ट के आदेश की अवहेलना की गई.
वहीं दूसरी ओर ऐसे ही एक मामले में शंकरपुर थाना पुलिस द्वारा भी कोर्ट के आदेश की अवहेलना की गई है। कोर्ट ने ए बी पी 705/2022 (शंकरपुर थाना कांड संख्या 98/2022) में भी केस डायरी की मांग की थी, लेकिन बार बार कोर्ट से जारी आदेश की शंकरपुर पुलिस द्वारा अवहेलना करना महंगा साबित हुआ। जिला जज की कोर्ट ने दोनो ही मामले पुलिस की घोर लापरवाही पर सख्ती बरतते दोनों ही थाना के पुलिस अधिकारी को सदेह कोर्ट में हाजिर होने को कहा है। कोर्ट ने ग्वालपाड़ा पुलिस को 12 सितंबर और शंकरपुर पुलिस को 6 सितंबर 2022 को कोर्ट में अपनी सदेह उपस्थिति दर्ज कराने का कराने निर्देश दिया है। उपस्थिति नही होने पर कोर्ट ने वैसे पुलिस अधिकारी को एक सप्ताह के साधारण कारावास की बात कही गई है । कोर्ट ने इस संबंध में एस पी मधेपुरा को भी जानकारी दे दी है।
(वि. सं.)

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