बता दें कि मृतक पहले मधेपुरा रेलवे रैक पॉइंट पर मजदूरी किया करता था. अचानक से तबियत खराब हो जाने के बाद उसने मजदूरी करना छोड़ ई-रिक्शा भाड़े पर ले कर चलाना शुरु कर दिया. परिजनों ने बताया कि लगभग 20 दिन पहले ही ई-रिक्शा चलाना शुरु किया था. रविवार की रात अज्ञात लोगों द्वारा ई-रिक्शा भाड़े पर ले कर शंकरपुर पहुंचाने की बात कर ले गया था लेकिन रास्ते में ही उनकी हत्या कर शव को खेत में फेंक कर भाग गया. इस बात का पता परिजनों को उस वक्त चला जब शंकरपुर थाना अध्यक्ष द्वारा अज्ञात लाश समझकर सोमवार को सदर अस्पताल पोस्टमार्टम कराने पहुंचे. इससे पहले परिजनों ने अपने स्तर से विष्णुदेव पासवान की खोज भी की लेकिन कोई सुराग नहीं मिला.
घटना की सूचना मिलने के बाद ई-रिक्शा चालकों में आक्रोश पैदा हो गया और उन्होंने देखते ही देखते कर्पूरी चौक को जाम कर जिला प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की. जाम कर रहे लोगों का मांग थी कि जिला प्रशासन के वरीय अधिकारी आए और मृतक के परिवार वालों को मुआवजे की राशि दे. क्योंकि ई-रिक्शा चालक घर में अकेला ही कमाने वाला था. उसकी हत्या हो जाने के बाद घर में कोई कमाने वाला नहीं बचा. बाद में मौके पर पहुंचे एसडीओ, एसडीपीओ, डीएम ने लोगों को समझा बुझाकर और मुआवजे का आश्वासन देकर जाम को खत्म करवाया.

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