"शिक्षक के हाथों में होती है समाज सृजन की कला, वर्तमान दौर में शिक्षकों की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण": चन्द्रिका यादव
इसके बाद अपने संबोधन में चंद्रिका यादव ने कहा कि शिक्षकों का स्थान समाज में सर्वोपरि है. हर वर्तमान भविष्य निर्माण का दायित्व शिक्षकों का ही होता है. समाज की दशा व् दिशा बदलने में शिक्षक दक्ष होते हैं. वर्तमान दौर में कई स्तरों पर आईं गिरावट चिंतनीय विषय है. इसको सुधारने की जिम्मेदारी भी शिक्षकों की ही है. शिक्षक दिवस हमें अपनी जिम्मेदारियों का अहसास कराने का अवसर होता है. वर्तमान समय में अलग-अलग प्रकार के उपहार देने का प्रचलन तेजी से चला है जो अप्रासंगिक है. सच्चे अर्थों में बेशकीमती उपहार छात्रों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में प्राप्त वो उपलब्धि होती है जिससे शिक्षकों को गर्व की अनुभूति होती है.
इस अवसर पर अपने संबोधन में विद्यालय के सभी शिक्षकों ने डॉ राधाकृष्ण के जीवन पर प्रकाश डालते हुए शिक्षकों के संघर्षपूर्ण सफर को दर्शाया. संगीत शिक्षक उत्तम दास ने बच्चे मन के सच्चे गाकर शिक्षक दिवस को यादगार बना दिया. दूसरे सत्र में बच्चों द्वारा शिक्षकों व अलग-अलग बिंदुओं पर केन्द्रित प्रस्तुति दे कर कार्यक्रम को यादगार बनाया गया. जिसमे विशेष कर छोटे-छोटे बच्चों की भूमिका सर्वाधिक रही. कार्यक्रम के अंत में विद्यालय द्वारा शिक्षकों को उपहार के साथ सम्मानित करते हुए उनके योगदान को अमूल्य बताया गया.
मौके पर उप प्राचार्य मदन कुमार, मंजू घोष, ओम प्रकाश, कविता श्रीवास्तव, सुरेश कुमार, हिमांशु, उत्तम दास, नूतन, राखी जमुआर, कृष्णा शरण, दिलीप, कृष्णा सिंह पंपा, प्रिंस, शिव सागर, अशोक, मो. अब्बास, मो. जफर अली, मनीष, हर्ष वर्धन सिंह राठौर सहित सभी छात्र छात्राएं उपस्थित रहे.
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