जिसमें स्नातकोत्तर (सत्र- 2018-20) चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा तिथि अविलंब घोषित किया जाए, स्नातकोत्तर (सत्र- 2019-21) तृतीय सेमेस्टर का परीक्षा फार्म अभिलंब भराया जाए, स्नातकोत्तर (सत्र- 2020-22) प्रथम सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम जल्द जारी किया जाए और एलएलबी प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष का परीक्षा परिणाम अविलंब घोषित किया जाए एवं सभी छात्रों से बस किराया 500 ₹ एक सत्र में सिर्फ एक ही बार लिया जाए.
विश्वविद्यालय अध्यक्ष अरमान अली ने कहा कि बीएनएमयू में छात्रों का पीजी का सत्र नियमित नहीं होने के कारण छात्र इस बार भी बी.एड. एवं उच्च स्तरीय परीक्षा से वंचित रह गए हैं. बीएनएमयू में छात्रों का बड़े पैमाने पर शोषण किया जा रहा है. बीएनएमयू का ऐसा कोई मुद्दा नहीं जो सुर्खियों में ना रहे एवं दागदार ना रहे. बीएनएमयू अपने पीजी के सभी सत्र को जल्द नियमित करें अन्यथा छात्र संगठन आइसा आंदोलन को बाध्य होगी एवं बीएनएमयू विश्वविद्यालय में चरणबद्ध आंदोलन करेगी.
मौके पर आइसा के जिला संयोजक पावेल कुमार ने कहा कि हमेशा से यह विश्वविद्यालय छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करती आ रही है. यहां दो साल का पीजी का कोर्स में चार साल का समय लग रहा है जो काफी निंदनीय है. आइसा जिला अध्यक्ष सुपौल संतोष कुमार सियोटा ने कहा कि बीएनएमयू प्रशासन छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है जिसे छात्र संगठन आइसा कतई बर्दाश्त नहीं करेगी एवं अब आर-पार की लड़ाई लड़ेगी.
मौके पर आइसा की विश्वविद्यालय उपाध्यक्ष निभा कुमारी एवं कृष्णा कुमार ने कहा कि बीएनएमयू के सभी पीजी विभागों में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है, जिसे जल्द सुधारा जाए. मौके पर राजकिशोर राज, अजय कुमार, अमोल कुमार, आशीष कुमार, उत्सव कुमार, दीपक कुमार, मिथुन कुमार, सोहन कुमार, मो. सोनू, राजीव, आदि मौजूद थे.

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