नहीं रहे प्रख्यात तबलावादक योगेन्द्र नारायण यादव, पटना के अस्पताल में ली आख़िरी साँसें

संगीत प्रेमियों के लिए आज का दिन बेहद दुःख भरा है जब संगीत के आसमान का एक चमकता सितारा डूब गया. कोसी और बिहार ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि प्राप्त वर्ष 1962  में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित तबलावादक योगेन्द्र नारायण यादव अब हमारे बीच नहीं हैं, आज मंगलवार की सुबह पटना के तारा अस्पताल में उन्होंने ली आख़िरी साँसें. उनके निधन से उनके जानने वालों में शोक की लहर फ़ैल गई है. वे अपने पीछे चार पुत्र और दो पुत्री समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं.


साढ़े छ: दशक के सफ़र की उपलब्धि गौरवान्वित करने वाली 

राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त तबलावादक योगेन्द्र नारायण यादव के तबला वादन के करीब छ: दशक से अधिक के सफ़र में उन्हें अनगिनत पुरस्कार मिले. उनका जन्म 03 अप्रैल 1942 को सहरसा जिले के रामपुर गाँव में एक कलानुरागी परिवार में हुआ था. उनके पिता कनिकलाल प्रसाद एक जानेमाने मृदंगवादक थे और उनके ही मार्गदर्शन में इनकी संगीत शिक्षा आरम्भ हुई. योगेन्द्र नारायण यादव का तबले का उच्चस्तरीय प्रशिक्षण बनारस घराना के तबलावादक श्री राधोशरण यादव तथा रमेश महाराज से हुआ. संगीत के क्षेत्र में इन्हें मार्गदर्शन अपने बड़े भाई उपेन्द्र प्रसाद यादव से भी प्राप्त हुआ.

देश स्तर पर चर्चा में ये तब ही आ गए जब महज सोलह वर्ष की आयु में ये दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय युवा समारोह में पुरस्कृत हुए. वर्ष 1961 में आकाशवाणी संगीत प्रतियोगिता में कुशल तबलावादन के लिए इन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के हाथों राष्ट्रपति पुरस्कार मिला था. आकाशवाणी के प्रथम श्रेणी के तबलावादक के रूप में इन्होंने 1982 में अखिल भारतीय संगीत कार्यक्रम में स्वतंत्र तबलावादन प्रस्तुत किया जो फिर बेहद चर्चित रहा. देश स्तर के साथ-साथ इन्हें स्थानीय तथा राज्य स्तर पर भी अनेकों बार सम्मानित किया गया. कलकत्ता, पटना, नेपाल आदि में भी कई संगीत समारोहों में इनकी प्रस्तुति ने लोगों का मन मोहा था.

संगीत के साथ अंग्रेजी और लेखनकला में भी थे उम्दा 

योगेन्द्र नारायण यादव मधेपुरा के टीपी कॉलेज में अंग्रेजी विभाग के रीडर के पद को भी सुशोभित किया. उस समय के कई पत्र-पत्रिकाओं में इनकी रचनाएं प्रकाशित होती रहती थी. इनके द्वारा रचे ताल 'कनक कमला', 'नव पंचम' तथा 'आडा झपताल' ये दर्शाने के लिए काफी हैं कि योगेन्द्र बाबू जैसा कोई नहीं.

(Report: R. K. Singh)

नहीं रहे प्रख्यात तबलावादक योगेन्द्र नारायण यादव, पटना के अस्पताल में ली आख़िरी साँसें नहीं रहे प्रख्यात तबलावादक योगेन्द्र नारायण यादव, पटना के अस्पताल में ली आख़िरी साँसें  Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on May 10, 2022 Rating: 5

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