बीपीएससी में लाथा था दूसरा रैंक
64वीं बीपीएससी की परीक्षा में पहले प्रयास में उन्होंने दूसरा रैंक लाकर जिले व राज्य का नाम रौशन किया था. सेवानिवृत शिक्षक सियाराम यादव के सुपौत्र एवं मध्य विद्यालय के शिक्षक हरिनंदन यादव के सुपुत्र विद्यासागर ने बीपीएससी में दूसरा रैंक लाकर अपने प्रतिभा का लोहा मनवाया था. विद्यासागर की प्रारंभिक शिक्षा पिपरा प्रखंड के रामनगर पंचायत स्थित तुलानाथ पब्लिक स्कूल में हुई. टीजीपी स्कूल के प्राचार्य श्याम किशोर ठाकुर ने बताया कि विद्यासागर बचपन से ही मेधावी छात्र रहा है. लगनशील व जुझारू छात्र के रूप में उनका पहचान था. जिसके बाद उसने नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की. मैट्रिक की परीक्षा स्थानीय नवोदय विद्यालय सुपौल से वर्ष 2010 में 9.4 सीजीपीए अंक प्राप्त कर उत्तीर्ण की. जिसके बाद उन्होंने भागलपुर जवाहर नवोदय विद्यालय से इंटर की परीक्षा पास किया. जिसमें उन्हें 95.85 प्रतिशत अंक हासिल हुए. 12वीं करने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की परीक्षा उत्तीर्ण की.
एनआईटी तिरजी से ली इंजीनियरिंग की डिग्री
जिसके बाद उनका दाखिला तामिलनाडु के तिरजी स्थित एनआईटी में हुआ. वर्ष 2017 में मैकेनिकल इंजीनियर बनने के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. जिसमें दूसरे प्रयास में ही उन्होंने सफलता अर्जित कर अपना व पूरे परिवार का नाम रौशन किया था. फिलहाल वह हैदराबाद में रेल सेवा में अपना योगदान दे रहे हैं. तीन भाई-बहन में बड़े विद्यासागर का छोटा भाई कंप्यूटर साइंस से स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं. विद्यासागर के पिता श्री यादव ने बताया कि वर्तमान में विद्यासागर भारतीय रेल सेवा में कार्यरत हैं. विद्यासागर की मां पावित्री देवी ने बताया कि विद्यासागर बचपन से ही मेधावी छात्र रहा है. पढ़ाई के प्रति उनका लगाव बचपन से ही है. वहीं उनके चाचा रघुनंदन कुमार ने हर्ष व्यक्त करते कहा कि विद्यासागर ने अपने मेहनत से उनलोगों का मान बढ़ाया है. मधेपुरा टाइम्स से बातचीत में विद्यासागर ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, परिजन व गुरूजनों को दिया. छात्रों एवं युवाओं को संदेश देते उन्होंने कहा कि छात्रों सही दिशा में मेहनत करनी चाहिए. इससे उन्हें निश्चित रूप से सफलता मिलेगी. विद्यासागर की सफलता से उनके परिजन, ग्रामीण व पूरे जिलावासियों में खुशी का माहौल व्याप्त है.
(नि. सं.)

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