उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से पिछले 15 वर्षों में चरवाहा विद्यालय के नाम से हत्या, डकैती, लूट, अपहरण के माध्यम से जाना जाने लगा, उस बिहार में जब दोबारा जद (यू) की सरकार ने मोर्चा संभाला तो इन सभी चीजों को पटरी पर लाना एक मुश्किल काम था. उसने बेसिक एजुकेशन से शुरुआत की.
बताया कि आजकल सोशल मीडिया का जमाना है. जब से मोदी आए हैं राजनीति में तब से चायवाला का क्रेज बढ़ गया है. इस हिसाब से अब व्यक्तिगत किसी का निर्णय हो चाय बेचना. अब तो एमबीए और आईटीआई वाले की भी चाय की दुकान सोशल मीडिया के माध्यम से देखेंगे. लोग तरह तरह का काम करते रहते हैं, चाय दुकान खोल कर बैठे रहते हैं, आप क्यों चाय की दुकान खोल कर बैठे हैं. इसके लिए सरकार ने एक नीति बनाई है. इस नीति के तहत आप आवेदन दीजिए आपको लोन दिया जाएगा.
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