'सुंदर दुनिया के निर्माण में रंगमंच का अहम भूमिका': विश्व रंगमंच दिवस पर परिचर्चा आयोजित

रविवार को विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर सामाजिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्था सृजन दर्पण मधेपुरा के द्वारा सोशल साइट्स के जरिए वर्तमान समय में रंगमंच की दशा एवं संभावनाएँ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया. 

संस्थापक सचिव विकास कुमार ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान समय में इलेक्ट्रानिक साधनों की सुलभता के कारण रंगमंच किस तरह प्रभावित हुआ एवं इसके अस्तित्व की रक्षा एवं सशक्तिकरण के लिए क्या-क्या बदलाव लाना चाहिए जैसे ज्वलंत मुद्दे पर विमर्श हुआ. इसमें अनुभवी कलाविदों ने भाग लिया, जिन्होंने जीवनपर्यन्त कला साधना की विभिन्न समस्याओं से रूबरू हुए, अपनी विधा में महारत हासिल किया और लगातार संघर्ष से कला को सामयिक रूप दिया. उनके विचारों से वर्तमान पीढ़ी के रंगकर्मीयो को नयी दृष्टि मिली, संघर्ष करने का संबल मिला.

इस अवसर पर संगीतज्ञ प्रोफेसर योगेंद्र ना. यादव ने कहा सुंदर दुनिया के निर्माण में रंगमंच की अहम भूमिका है, उन्होंने कहा कि रंगकर्मी ईमानदारी से काम करें तो संभावनाएं भी बहुत है. संगीतज्ञ डॉ. योगेंद्र भारती ने कहा कि रंगमंच ही समाज को अच्छी दिशा दे सकती है, रंगमंच के प्रति रंगकर्मी यदि साहित्य के साथ निष्ठापूर्वक साधना करें तो संभावनाएं असीम हैं. पंडित रामस्वरूप प्रसाद यादव ने कहा कि विश्व रंगमंच दिवस के शुभ अवसर पर सोसल मीडिया के जरिए सृजन दर्पण का आयोजन सराहनीय है. दूरर्दशन कलाकार प्रोफेसर अरुण कुमार बच्चन ने कहा कि नाट्य शास्त्र में नाट्य शब्द का प्रयोग केवल नाटक के रूप में न करके व्यापक अर्थ में किया है. जिसके अंतर्गत रंगमंच अभिनय, नृत्य, संगीत, रस, वेशभूषा, दर्शक आदि. 

वहीं दूरदर्शन कलाकार डॉ रवि रंजन ने कहा कि युवा रंगकर्मी दे रहे हैं रंगमंच में नया आयाम. उन्होंने कहा कि किसी भी बात को कहने के लिए रंगमंच एक सशक्त माध्यम है. दूरर्दशन कलाकार प्रोफेसर रीता कुमारी ने कहा कि रंगकर्मी यदि रंगमंच के प्रति समर्पित रहे तो मंजिल जरूर मिलती है. दूरदर्शन कलाकार रेखा यादव ने कहा कि रंगमंच के क्षेत्र में संभावना है लेकिन जरूरत है मेहनत की. वरिष्ठ रंगकर्मी सुभाष चंद्र ने कहा कि रंगमंच की दशा दो साल से बहुत खराब चल रही थी मगर अब धीरे-धीरे सुधार की ओर अग्रसर है. जरूरत है ग्रामीण क्षेत्र के कलाकारों को रंगमंच से जोड़ने की, इसमें संभावनाएं भी हैं और रोजी रोटी भी. युवा गायक आलोक कुमार ने कहा कि रंगमंच समाज का आईना है, जरूरत है युवा पीढ़ी को इस से जोड़ने की.

'सुंदर दुनिया के निर्माण में रंगमंच का अहम भूमिका': विश्व रंगमंच दिवस पर परिचर्चा आयोजित 'सुंदर दुनिया के निर्माण में रंगमंच का अहम भूमिका': विश्व रंगमंच दिवस पर परिचर्चा आयोजित Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 27, 2022 Rating: 5

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