गुरूवार को एसपी राजेश कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की घटना का उद्भेदन के लिए एसडीपीओ अजय नारायण यादव के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया. जिसमें इंस्पेक्टर प्रशान्त कुमार, सब इंस्पेक्टर सियावर मंडल, राजकिशोर मंडल, प्रमोद कुमार, कमांडो विपिन कुमार, तकनीकी सेल के धीरेन्द्र कुमार सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी को शामिल किया गया. टीम को एक बड़ी सफलता मिली और पूरे मामले का उद्भेदन हो गया. इतना ही नहीं लूट के 6 हजार नगदी के साथ बैंक मैनेजर का लूटा गया पर्स, आई कार्ड सहित अन्य समान को भी बरामद करते हुए घटना में शामिल दो बदमाशों को गिरफ्तार किया गया, साथ ही पूछताछ में पता चला कि घटना में आधे दर्जन बदमाश शामिल थे, जिसका नाम पता चल गया है. जो पुलिस के रडार पर थे.
पुलिस टीम द्वारा लगातार फरार बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान जारी था. इसी कड़ी में जानकारी मिली कि घटना में शामिल दो बदमाश पटना के एक ठिकाने पर छुपकर रह रहा था. पुलिस लगातार उस पर नजर बनाए हुई थी. पुलिस अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए कूच करने वाली ही थी कि इसी बीच पता चला कि छुपे हुए अपराधी मधेपुरा आ रहे हैं. पुलिस ने अपराधियों के सम्भावित तमाम ठिकाने और उन से जुड़े लोगों पर पहरा तेज कर दिया और इंस्पेक्टर प्रशान्त कुमार, सब इंस्पेक्टर सियावर मंडल, कमांडो विपिन सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी ने अपराधी की गिरफ्तारी के लिए ट्रेन से लेकर उनके गांव तक नजर रखने के लिए नाकेबंदी कर दी. आखिरकार पुलिस ने फरार दो अपराधी को दबोच लिया. तलाशी में घटना में प्रयोग किया गया एक पिस्टल, मैग्जीन, दो गोली, दो मोबाइल बरामद किया गया.
उन्होने बताया कि घटना के बाद अपराधी जिला छोड़कर भाग गया था. उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में हुए डाका कांड में पुलिस टीम को एक बार फिर बड़ी सफलता मिली है. शेष बचे अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है. जल्द ही शेष अपराधियों को भी गिरफ्तार कर लिया जायेगा. उन्होंने बताया कि घटना में शामिल अन्य अपराधी गांव छोड़कर फरार चल रहे हैं.
एसपी ने बताया कि गिरफ्तार अपराधी कुमारखंड थाना के नवटोलिया सिंगापुर के शैलेन्द्र यादव के पुत्र बीस उर्फ गौरव कुमार, सदर थाना के कटहरवा गांव के स्व. पुष्पा नंद यादव के पुत्र अंगद कुमार के रूप में पहचान हुई. जिसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है.
मालूम हो कि लगातार हो रही आपराधिक घटना को लेकर एक बार फिर पुलिस के क्रियाकलाप पर आम लोग उंगुली उठाते हुए सवाल कर रहे थे लेकिन घटना के महज एक सप्ताह में बैंक डाका, नर्सिंग होम संचालक हत्याकांड का खुलासा और अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस पर लोगों का विश्वास जगा है.
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