52 एकड़ में फैले तालाब की सफाई बनी चुनौती, प्रशासनिक पहल का इंतजार

मधेपुरा जिले के घैलाढ़ प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित पोखरों की सफाई का मामला हर साल छठ पर्व के समय ही उठता है. लोग सफाई कार्य को लेकर हर साल माथापच्ची करते हैं. थक हार कर फिर ग्रामीणों को ही सफाई करनी पड़ती है. इसके कारण हर साल थोड़े समय के लिए ही सही तनाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. 

भतरंधा परमानपुर पंचायत का घोपा पोखर लगभग 52 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में फैला हुआ है. घोपा गांव और परमानपुर गांव की आधी से अधिक आबादी इसी तालाब में बरसों से सूर्य देव को अर्घ्य देते आ रहे हैं लेकिन आज तक तलाब में पक्का घाट का निर्माण नहीं हो सका. जिसका परिणाम है कि तालाब में सालों भर गंदगी लगी रहती है. जबकि लाखों रुपए के राजस्व वसूली के बावजूद तालाब की साफ सफाई नहीं की जाती है. लोगों को खुद ही सफाई करनी पड़ती है. प्रशासन की ओर से सफाई व्यवस्था हो जाने से लोगों को राहत मिलेगी.


स्थानीय पूर्व मुखिया बैजनाथ यादव, उपेंद्र यादव, मुकेश यादव, सचिंदर यादव, बद्री राम आदि ने कहा कि इतना बड़ा तालाब होने के बावजूद इस तालाब में कहीं पर भी एक घाट नहीं है, इस साल अत्यधिक बारिश होने के कारण जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है, प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई है. ग्रामीणों को ही सफाई करनी पड़ रही है. इसी प्रकार प्रखंड क्षेत्र के कई ऐसे सरकारी पोखर है जो जलकुम्भी से भरा हुआ है. प्रत्येक वर्ष छठ के समय ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.


52 एकड़ में फैले तालाब की सफाई बनी चुनौती, प्रशासनिक पहल का इंतजार 52 एकड़ में फैले तालाब की सफाई बनी चुनौती, प्रशासनिक पहल का इंतजार Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 03, 2021 Rating: 5

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