बेंगा नदी के छठ घाटों के जलकुंभी एवं गंदगी की सफाई नहीं होने से श्रद्धालुओं के बीच आक्रोश

मधेपुरा जिले के मुरलीगंज में नदियों में कचरा डंपिंग के कारण लोग अब स्कूल के मैदान में गड्ढे खोदकर, बिल्डिंग के लॉन में, टेरिस पर एक बड़े टब में पानी रख कर उसमें खड़े हो कर छठ पूजा करने को मजबूर हैं.

चार दिनों तक चलने वाले छठ पर्व मुख्य पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की छठी के दिन की जाती है. छठ पूजा उत्तर भारत खासकर बिहार में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है. महापर्व छठ 8 नवंबर सोमवार नहाय खाय, मंगलवार 9 नवंबर को खरना के साथ छठ पूजा का प्रारंभ हो जाएगा. छठ पर्व सूर्य देव की उपासना के लिए प्रसिद्ध है. दिवाली के बाद सबसे बड़ा त्योहार आता है छठ पूजा. इस पर्व को कई नामों से जाना जाता है जैसे छठ, छठी, डाला छठ, डाला पूजा, सूर्य षष्ठी. ये पर्व सूर्य और उसकी शक्ति को समर्पित होता है. इस दिन लोग सूर्य को अच्छी सेहत देने, खुशियां और उनकी रक्षा करने के लिए धन्यवाद करते हैं.

वहीं अभी तक मुरलीगंज नगर पंचायत क्षेत्र स्थित बेंगा नदी के कई घाटों की साफ-सफाई नहीं होने से घाटों के पास गंदगी का अंबार लगा हुआ है. नगर पंचायत के उदासीन रवैये के कारण एवं नदी के किनारे कचरा डंपिंग में तब्दील होने के कारण अब लोग धार्मिक आस्था के महापर्व को छत और घरों में ही मनाने को मजबूर हो गए हैं.

छठ पर्व में अगाध श्रद्धा होने के करण कई असुविधाएं होते हुए भी लोग जहां रहते हैं, वहीं छठ पूजा कर लेते हैं. कोई भी पर्व त्योहार अपनों के बीच, सामूहिकता में ही करने में आनन्द आता है लेकिन आज सही समय पर ट्रेन में रिजर्वेशन, फ्लाइट में टिकट महंगे होने की वजह से लोग चाह कर भी नहीं जा पाते लेकिन छठ पूजा करना नहीं छोड़ते. बिल्डिंग के लॉन में, टेरिस पर एक बड़े टब में पानी रख कर उसमें खड़े हो कर पूजा कर लेते हैं.

शहर से लेकर गांव तक के छठ घाटों की साफ-सफाई नहीं होने से श्रद्धालुओं को पर्व में परेशानी होगी

गौरतलब हो कि शहर के बीचों बीच बहने वाली बेंगा नदी है. नदी किनारे कई स्थानों पर छठ घाट बनाए जाते हैं. जहां छठ पर्व करने के लिए हजारों लोग पहुंचते हैं. फिर भी अभी तक नगर पंचायत प्रशासन द्वारा जलकुंभी हटाने के लिए कोई भी उपाय नहीं किया जा रहा है और न ही किसी जनप्रतिनिधियों द्वारा रूचि लिया जा रहा है. शहरी क्षेत्र में कई ऐसे घाट हैं जहां गंदगी व कचरे का अंबार लगा हुआ है. छठ घाट तक जाने वाली सड़क की स्थिति भी बिगड़ी हुई है. रोशनी का उचित प्रबंध नहीं है. ऐसे में श्रद्धालुओं व छठ व्रती को छठ पूजा के दौरान काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. नगर पंचायत के द्वारा छठ घाटों की सफाई होती रही है लेकिन इस बार अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है. बता दें कि लोक आस्था का महापर्व छठ में मात्र तीन दिन शेष रह गये हैं. 

वहीं प्रखंड के सभी पंचायतों में छठ घाटों का निरीक्षण कर लौटे प्रखंड विकास पदाधिकारी अनिल कुमार एवं अंचलाधिकारी मुकेश कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि बलुआ, रामपुर नदी किनारा छठ घाट, पड़वा नवटोल छठ घाट, गंगापुर घाट, रमणी घाट, अमारी घाट, पोखराम परमानंदपुर घाट, भेलाही, सिंघियान, प्रखंड परिसर, कोल्हायपट्टी छठ घाट सहित दर्जनों छठ घाटों का निरीक्षण किया गया. अंचलाधिकारी मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि बलुआ नदी तथा रामपुर छठ घाट में बंबू बेरीकेटिंग एवं गोताखोर की प्रतिनियुक्ति की जाएगी. ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो सके.

बेंगा नदी की सफाई के विषय में नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी सुजीत कुमार ने बताया कि सफाई एजेंसी को विशेष दिशा निर्देश दिए गए हैं कि जल्द से जल्द वह छठ घाटों की सफाई करें एवं अब तक नहीं किए जाने पर उनसे घाटों की सफाई नहीं होने पर स्पष्टीकरण मांगा गया है. जल्द ही छठ घाटों की सफाई सुनिश्चित करवाई जाएगी.

बेंगा नदी के छठ घाटों के जलकुंभी एवं गंदगी की सफाई नहीं होने से श्रद्धालुओं के बीच आक्रोश बेंगा नदी के छठ घाटों के जलकुंभी एवं गंदगी की सफाई नहीं होने से श्रद्धालुओं के बीच आक्रोश Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 07, 2021 Rating: 5

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