जूट गोदाम में लगी आग से करोड़ों की जूट जलकर राख: जूट कारोबार में मिनी कोलकाता है मुरलीगंज


कोसी क्षेत्र सीमांचल जूट कारोबार में मिनी कोलकाता के नाम से मशहूर मुरलीगंज के काशीपुर वार्ड नंबर 1 स्थित जूट गोदाम में आज सुबह 8 बजे लगी आग से लगभग एक करोड़ का जूट जलकर ख़ाक हो गया. काशीपुर जूट के बड़े-बड़े कारोबारी अपने बड़े-बड़े गोदाम रखे हुए हैं और इन गोदामों में किसानों से जूट खरीद कर रखी रखी जाती थी.


मंगलवार को वार्ड नंबर 1 स्थित सहदेव के घर के एक उत्तरी हिस्से में टिन के गोदाम में लगभग 300 जूट की गांठ कोलकाता भेजने के लिए रखी हुई थी क्योंकि दिवाली और छठ में जूट मीलें बंद रहती है. वहीं मौके पर मौजूद एक जूट व्यवसायी ने बताया कि आज सवेरे एकाएक गोदाम से धुंआ निकलने लगा. पड़ोस के लोगों ने दौड़ कर देखा तो गोदाम में आग लग चुकी थी. 


आग लगने की जानकारी मुरलीगंज थाना एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी अंचलाधिकारी दी गई. लगभग 15 मिनट के बाद घटनास्थल पर छोटी अग्निशामक गाड़ी को भेजी गई, जो ऊंट के मुंह में जीरे का फ़ोरन साबित हुई. छोटी अग्निशामक होने से वह आग पर काबू पाने में नाकाम साबित हुई.


घटना के संबंध में बताया जाता है कि यह गोदाम जूट व्यवसायी कैलाश राठी का है, जिसमें उत्तम क्वालिटी की करीब 300 से अधिक पटसन की गांठे रखी हुई थी. इसका बाजार मूल्य करीब एक करोड़ रूपये से अधिक का बताया जा रहा है.


स्थानीय लोगों द्वारा कहा जा रहा था कि जूट की गांठ में लगी आग को काबू करना बड़ा मुश्किल भरा होता है क्योंकि जूट मे लगी आग, बारूद के ढेर में लगी आग के समान होती है.



छोटी अग्निशामक गाड़ी और स्थानीय लोगों द्वारा बाल्टी के सहारे आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया लेकिन छोटी दमकल होने से वो भी आग पर काबू पाने में असफल रही. करीब डेढ़ घंटे बाद जब मधेपुरा जिला मुख्रयालय और उदाकिशुनगंज से फायर बिग्रेड की बड़ी गाड़ी यहाँ पहुंची तब जाकर आग शांत हुई लेकिन तब तक सबकुछ जल कर ख़ाक हो गया.


आग कैसे लगी इसके कारणों का पता नहीं चल पाया है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों और व्यवसायियों की माने तो मिनी कोलकाता के नाम से मशहूर मुरलीगंज में कई बड़े जूट गोदाम के साथ अन्य व्यावसायिक गौदाम हैं जहाँ आग लगती है तो करोड़ों का नुकसान होता है. 


गौरतलब हो कि 31 अगस्त 2011 को मुरलीगंज के एक प्रसिद्ध जूट व्यवसाई इंदर चंद बोथरा के काशीपुर स्थित जूट के गोदाम में आग लगी थी और गोदाम में रखी करोड़ों से अधिक की जूट पूरी तरह जलकर ख़ाक हो गई. जिसका खामियाजा आज तक भुगत रहे हैं. वहीं उन्होंने बताया कि मामला आज भी बिहार सरकार से निकलकर केंद्र सरकार के पास लंबित है. जबकि मेरा गोदाम का इंश्योरेंस किया हुआ था.


आज की आग लगने की घटना से व्यवसायियों के बीच कई सवाल उठ खड़े हुए हैं कि मुरलीगंज इतना बड़ा व्यवसाई मंडी होने के बावजूद यहां पर जिला प्रशासन द्वारा प्रखंड मुख्यालय को छोटी अग्निशामक की गाड़ी देना किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं है. वहीं उदाकिशुनगंज अनुमंडल से मुरलीगंज प्रखंड मुख्यालय अग्निशामक की गाड़ी भेजी गई. वह जब तक आई तब तक आग ने अपना रौद्र रूप धारण कर लिया था, जिसे काबू करने के लिए घंटों दो बड़ी दमकल गाड़ियां और छोटी गाड़ियां प्रयास करती रही लेकिन आग पर काबू तब मिला जब सारा का सारा जूट जल चुका था. आग ज्यादा जगहों पर नहीं फ़ैली इसमें अवश्य सफलता मिली लेकिन नुकसान करोड़ों से अधिक का हो चुका था. 


मामले में वार्ड पार्षद दिनेश मिश्रा ने बताया कि जिला प्रशासन के उपेक्षापूर्ण व्यवहार के कारण यहां अब तक बड़ी दमकल की गाड़ियां नहीं उपलब्ध कराई गई है जबकि यह उदाकिशुनगंज से कई गुना बड़ा थोक व्यवसाई की मंडी है.


बताते चलें कि मुरलीगंज व्यवसाय मंडी में सैकड़ों की संख्या में अवैध गोदामों की भरमार है. जहां अग्निशामक की अनुज्ञप्ति नहीं होती है. जूट का गोदाम अति ज्वलनशील पदार्थों की श्रेणी में आता है. इसके बावजूद गोदामों में अग्निशामक की कोई इंतजाम मौजूद नहीं होता. व्यवसायियों द्वारा सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जाता है, न ही फायर स्ट्रिंगर, फायर बम. एक तो शहर के रिहायशी इलाके में ऐसे गोदामों का रहना खतरे से खाली नहीं है. वहीं शहर भर में कपड़े के बड़े-बड़े गोदाम, किराना सामान का गोदाम जो अवैध तरीके से रिहायशी इलाकों में बनाए गए हैं, घरों में बनाए गए हैं. जो किसी भी समय बड़े हादसे करवा सकते हैं इससे इनकार नहीं किया जा सकता.


जूट गोदाम में लगी आग से करोड़ों की जूट जलकर राख: जूट कारोबार में मिनी कोलकाता है मुरलीगंज जूट गोदाम में लगी आग से करोड़ों की जूट जलकर राख: जूट कारोबार में मिनी कोलकाता है मुरलीगंज Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 09, 2021 Rating: 5

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