लोग कह रहे हैं कि भगवान शनि ने मानो चार लोगों के स्वजनों के लिए दुख का पहाड़ ढा दिया। इस सबसे बड़ी अनहोनी के बाद शनिवार दिन होने को लेकर गाँव में खूब चर्चा होती रही। लोग कह रहे थे कि इस परिवार के लिए शनिवार का दिन अच्छा नहीं रहा। इसे लोग अशुभ कार्य से लेकर भी जोड़ने लगे। लोग कह रहे थे कि घर के किसी भी निर्माण कार्य के लिए शुभ दिन का होना भी जरूरी है। कोई मंगल कार्य शनिवार के दिन नहीं किया जाना चाहिए था।
कुछ लोग कह रहे थे कि होनी थी, बस हो गया। अनहोनी को कौन टाल सकता है? बात आई कि छोड़ो, जो होने का था हो गया, अब आगे की सोचे. कुछ लोग कह रहे थे इन चारों की किस्मत में एक साथ मौत लिखा था. यघटना को लेकर जितनी मुंह उतनी बातें हो रही थी। हादसा बहुत बड़ा था इस वजह से तरह तरह की चर्चा हो रही थी। खासकर शनिवार दिन होने को लेकर खासे चर्चा होती रही.
दो माह पहले दीनानाथ की हुई थी शादी
सेप्टिक टैंक निर्माण कार्य के दौरान करंट लगने सू गृहस्वामी सहित चार मछदूर की मौत हो गई, जिसमें एक मजदूर दीनानाथ कुमार (21) की भी मौत हो गई. दीनानाथ के साथ और भी दुखद एक बात ये थी कि उसकी शादी दो महीनें पहले सहरसा जिले के बसनही थाना क्षेत्र के मंगवार गांव में हुई थी. खुशनुमा जिंदगी जीने से पहले मौत की नींद में दीनानाथ सो गए। नई नवेली दुल्हन पर क्या आफत बीतेगी, यह उपर वाला ही जाने. जिंदगी के फूल खिलने से पहले मुरझा गए. नई नवैली दुल्हन के सामने अंधेरा छा गया. हर तरफ मातम ही मातम. अंत में लोग यही कहकर दिलासा दिला रहे कि यही लिखा था और लिखे को कौन मिटा सकता है?
(रिपोर्ट: मंजू कुमारी)

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