स्टेट हाइवे 91 पर लगी ट्रकें |
जिले में चल रहा है इस तरह का बड़ा खेल, आरोप के मुताबिक इस खेल में शामिल है विभाग के अधिकारी और स्थानीय दलाल. इतना ही नहीं ओवर लोडिंग ट्रक पासिंग के नाम पर प्रत्येक ट्रक के हिसाब से ली जाती है हर माह 10 हजार की मंथली रकम. जिले में लगभग 1 हजार ट्रक लदा गिट्टी और बालू का हर दिन होता है आगमन. हद की इन्तहा तो ये है कि जिले में चल रहे इतने बड़े नेटवर्क में शामिल है खुद खनन विभाग के इंस्पेक्टर महेश्वर पासवान और इनके सहयोगी सक्रीय दलाल. जी हाँ खासकर पड़ोसी जिला भागलपुर, बांका, तथा मधेपुरा जिले में सक्रिय है विभागीय अधिकारी के दलाल. जहाँ एक तरफ सरकारी राजस्व में की जा रही है सेंधमारी तो वहीं मालामाल हो रहे हैं विभागीय अधिकारी व अधिकारी के स्थानीय दलाल.
हालाँकि इस मामले का उद्भेदन तब हुआ जब जिले के एक ट्रक मालिक शशिकांत कुमार ने विभाग को लिखित आवेदन देकर कार्रवाई की गुहार लगाई और विभाग के इंस्पेक्टर पर गंभीर आरोप भी लगाया. शशिकांत के मुताबिक लगभग हर माह एक करोड़ रकम की हो रही है बन्दरबाँट, जिसमें डीटीओ, एमभीआई, खनन इंस्पेक्टर, जिला खनन पदाधिकारी और दलाल के बीच होती है इन रकमों की बन्दरबाँट. वहीं सरकार को लगाया जा रहा है चूना और अधिकारी काट रहे हैं अपनी चांदी.
इंट्री के नाम पर खनन और परिवहन विभाग का बंधा हुआ है मासिक सेवा शुल्क. 10 हजार दो और पूरे महीने ओवर लोडेड गिट्टी बालू लाओ, मन-माना पैसे नहीं देने वालों का कटता है चलान. 50 हजार से डेढ़, दो लाख तक में होती है सेटिंग.
पीड़ित ट्रक मालिक ने किया मामले का बड़ा खुलासा, दलाल और ट्रक मालिक के बीच बातचीत का ऑडियो भी हुआ वायरल. महिला और रिश्तेदारों के खाते में लिया जाता है रिश्वत की रकम.
सरकार के कड़े नियम व शर्तो के बाद भी मधेपुरा में ओवर लोडिंग ट्रक और ट्रेक्टर को पास कराने का गौरख धंधा धड़ल्ले से जारी है. अधिकारी और दलालों के मिलीभगत से यह अवैध इंट्री पासिंग का धंधा चल रहा है. बताया जाता है कि इसके लिए विभाग के दलाल 10 हजार रूपया प्रति ट्रक प्रतिमाह वसूलते हैं. यदि कोई ट्रक मालिक तय मासिक शुल्क देने में आना-कानी करता है तो उसके ट्रकों पर विशेष पैनी नजर रहता है. उसे पकड़ कर दो से ढाई लाख का फाइन भी कर दिया जाता है. ट्रक मालिक शशिकांत कुमार ने मधेपुरा के माइनिंग इंस्पेक्टर महेश्वर पासवान पर अवैध उगाही का गंभीर आरोप लगाते हुए डीएम से लेकर सीएम समेत कई आला अधिकारीयों को पत्र लिख कर मामले की उच्च स्तरीय जाँच की मांग की है. उन्होंने दलालों के मोबाईल नंबर भी सार्वजनिक किये हैं.
माइनिंग विभाग के प्रताड़ना से ट्रक मालिक शशिकांत काफी परेशान है. दो साल के लॉकडाउन और अब इस तरह की अवैध उगाही से वे मानसिक और आर्थिक रूप से खुद को टूटा हुआ बता रहे हैं. इस परेशानी में ट्रक मालिक आत्महत्या की भी बात कर हैं.
वहीं इस मामले को लेकर माइनिंग इन्स्पेक्टर महेश्वर पासवान खुद कैमरे पर कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं. हालाँकि इस मामले को लेकर जिला माइनिंग पदाधिकारी संजय कुमार रॉय ने मामले की जाँच कर कार्रवाई की बात कही है.
बहरहाल सूबे में खनन विभाग के प्रति सख्त और सजग है बिहार सरकार, लेकिन अब देखना दिलचस्प होगा कि आखिर मधेपुरा में खनन विभाग इंट्री के नाम पर बालू और गिट्टी लदे ट्रक से कब तक करते रहेंगे अवैध उगाही या इन अधिकारियों पर होगी सख्त कार्रवाई ?
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