उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए किसान नेता रमन कुमार ने कहा कि मोदी सरकार किसान मजदूर विरोधी एवं कारपोरेट घरानों के पक्ष में फैसले लेती है और उन्हीं की भलाई के लिए सोचती है. मोदी सरकार किसान मजदूर विरोधी नीति के कारण 8 महीने से दिल्ली के बॉर्डर पर लाखों किसान आंदोलनरत हैं परंतु केंद्र की सरकार किसानों की सुधि लेने के लिए तैयार नहीं है, साथ ही केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून को काला कानून बताते हुए इसे शीघ्र ही वापस लेने व किसानों व आमजन से जुड़ी अन्य समस्याओं को लेकर प्रदर्शन किया.
वहीं भाकपा माले अंचल मंत्री अनिल भारती ने कहा कि देश के अंदर बढ़ती पेट्रोल, डीजल, मूल्य वृद्धि, सरसों के तेल में दोगुनी वृद्धि, महंगाई और बेरोजगारी लोगों का जीना दूभर कर दिया है. उन्होंने कहा कि महंगाई रूपी डायन लोगों को डसने का काम कर रही है और सरकार चैन से बंसी बजा रही है. भाकपा नेता बढ़ती बेरोजगारी और श्रम कानून में संशोधन पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि यह सरकार पूरी तरह से निकम्मी है. देश के नौजवानों का भविष्य अंधकार में है. किसान और मजदूर परेशान है. सरकार होश में आए और हमारी मांगे पूरी करें नहीं तो संघर्ष तेज होगा.
मौके पर युवा नेता मोहम्मद सिराज उमाशंकर मुन्ना रंजीत कुमार वर्मा ने कहा कि सरकार महंगाई और बेरोजगारी पर रोक लगा दे एवं कृषि कानून श्रम कानून में संशोधन करें या फिर उसे वापस ले अन्यथा आर-पार की लड़ाई होगी.
घंटों सड़क जाम को लेकर आवागमन में काफी परेशानी हुई. वहीं आज सोमवारी की वजह से मंदिर जा रहे श्रद्धालुओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ा. दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई.
सड़क जाम कार्यक्रम में मो. गब्बर, मो. इरफान, मो इंसुल, जय नारायण साह, रोशन यादव, वरिष्ठ नेता दशरथ रस्तोगी, मंजू देवी आदि उपस्थित थे.

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