मानसून की पहली बारिश में ही मुरलीगंज नगर पंचायत क्षेत्र में तीन दिनों से रुक रुक कर हो रही बारिश में शहर के कई सड़कों पर जलजमाव हो गया है. जलजमाव के कारण लोगों को आवाजाही में काफी परेशानी हो रही है. मुरलीगंज नगर पंचायत क्षेत्र से होकर गुजरने वाली एनएच 107 पूर्णिया-सहरसा मुख्य मार्ग पर स्टेट बैंक के मुख्य ब्रांच के सामने सड़क में नाला बने होने के बाद भी पानी का समुचित निकासी नहीं हो पाता और बारिश का पानी जमा रहता है. मानसून से पहले अगर बारिश के पानी में जलजमाव की स्थिति ऐसी है तो आगे मानसून में लगातार बारिश में लोगों की परेशानी और बढ़ेगी.
रविवार की रात्रि से शुरू हुई बारिश के कारण पूरे शहर की स्थित नारकीय हो गयी है. कई मोहल्लों में जलजमाव के कारण लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया. मालूम हो कि शहर से लेकर गांव में रहने वाले लोगों के लिए बारिश मुसीबत बन गयी है क्योंकि इस मूसलाधार बारिश ने नगर पार्षद की सफाई की पोल खोल कर रख दी है.
जलनिकासी का समुचित इंतजाम नहीं होने के चलते पूरा शहर झील में तब्दील दिख जाता है. शहर की ऐसी कोई सड़क व गली नहीं बची थी जहां जलजमाव का नजारा न दिखा हो. बारिश के बाद शहर में जगह-जगह हुए जलजमाव के लिए लोगों ने नगर पार्षद को जिम्मेवार ठहराया.
लोगों का कहना था कि जलजमाव से निजात दिलाने के लिए पहले ठोस कदम उठाया गया रहता तो शायद यह स्थिति नहीं उत्पन्न होती. बारिश ने शहर के नालों की सफाई व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है.
शहर के हाट बाजार, अग्रसेन भवन रोड, गोल बाजार से सिनेमा हॉल चौक जाने वाली सड़क, गोल बाजार की सड़कें, स्टेट हाईवे 91 दुर्गा स्थान चौक से रेलवे क्रॉसिंग के फाटक तक, कई मोहल्ले की सड़क पर बारिश का पानी जमा हुआ है. कोरोना काल में लोगों की सड़क पर आवाजाही कम होती है फिर भी जब लोग घर से निकलते हैं तो लोगों को जलजमाव से गुजरना पड़ता है. जलजमाव को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है. लोगों का कहना है कि मुरलीगंज नगर पंचायत क्षेत्र की अधिकांश नालियां मृतप्राय हो चुकी है. बुडको द्वारा निर्मित शहर का नाली निर्माण के चंद महीने बाद ही जगह जगह से टूट कर गिर चुकी है और जल निकासी की समस्या जस की तस बनी हुई है. नाला से पानी की समुचित जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण ऐसी समस्या उत्पन्न होती है. बुडको द्वारा नाला तो बना दिया जाता है लेकिन जल निकासी के लिए बड़े नाला से नहीं जोड़ने के कारण पानी सड़क पर ही जमा रहता है.
वहीं वार्ड नंबर 9 गड़ोदिया वस्त्रालय से मुख्य सड़क की ओर जाने वाली सड़क पर बने गड्ढ़े में दो दिनों से पानी जमा होने से लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है. बेंगा पुल से शहर की ओर आने वाली मुख्य सड़क के दोनों किनारे पर बड़े-बड़े गड्ढे में जल भरा रहता है. जिससे आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है. जलजमाव का मुख्य कारण सड़कों के किनारे नाले की दीवारें ऊंची बनी हुई है जिससे सड़कों का पानी नाले में नहीं गिरता है और दोनों ओर सड़कों के किनारे जलजमाव बना रहता है.
मुख्य सड़क तक 2 फीट जलजमाव कीचड़ है. सड़कों पर भी जगह-जगह गड्ढ़े बने हैं, जिससे खतरा और बढ़ गया है. नाले हैं भी तो उड़ाही के अभाव में जाम पड़े हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि शहर का सारा नाला का पानी और कीचड़ यहीं जमा होकर एक बड़ा-सा तालाब का निर्माण करता है. आस-पास के दुकानदार सड़े हुए आलू, प्याज, और सभी फल व सब्जी सड़क पर फेंक देते हैं और हल्की भी बारिश में इससे दुर्गन्ध आनी शुरू हो जाती है.
मामले में मुख्य पार्षद श्वेत कमल उर्फ बौआ यादव ने बताया कि 20 वर्ष पूर्व भी शहर में बुडको द्वारा नाले का निर्माण यत्र तत्र करवा दिया गया था जो गुणवत्ताहीन होने के कारण चंद दिनों में ही जगह-जगह से ध्वस्त होकर गिर गया. आज तक इस नाले को मुरलीगंज नगर पंचायत को हस्तांतरित भी नहीं किया गया और संवेदक को द्वारा पैसे भी उठा लिए गए. जब इसे नगर पंचायत को कागजों पर भी सुपुर्द नहीं किया गया तो फिर इसके गुणवत्ता और रखरखाव की बात तो बहुत दूर हो गई. जलजमाव की समस्या आज भी इसी वजह से बनी हुई है. सरकार द्वारा अब तक इसके रखरखाव एवं मेंटेनेंस तक के लिए कोई फंड की आपूर्ति नहीं की गई है.
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