मालूम हो कि जिला प्रशासन ने जिले में बढ़ते कोरोना महामारी को देखते हुए 15 मई तक आम लोगों के जरूरत की दुकान जिसमें किराना, दूध, फल, सब्जी और मांस, मछली की दुकान को छोड़कर सारी दुकानें बंद करने का आदेश दिया था. दुकान खोलने का निर्धारित समय 06 बजे से 11 बजे के बीच शहर में भारी भीड़ उमड़ने के कारण इसका फायदा चोरी छिपे प्रतिबंधित दुकानदार भी उठाते हुए अपनी दुकान चोरी-छिपे खोलकर अपने कारोबार में लिप्त रहते हैं. मुस्लिमों का त्यौहार ईद को लेकर लोगों में कपड़े सहित अन्य जरूरत के सामान खरीदने की होड़ मची थी. इसी का फायदा उठाकर दुकानदारों ने शटर में ताला जड़कर पिछले दरवाजे से दिन भर चांदी काट रहे थे, उन्होंने कोरोना महामारी को ताक पर रख डाला था.
दुकानदारों के चोरी छिपे और बाइपास से सामान बेचने के कारनामे को मधेपुरा टाइम्स ने प्रमुखता से छापा था. छपी खबर पर डीएम श्याम बिहारी मीणा ने संज्ञान लेते हुए बीडीओ गौतम आर्य के नेतृत्व में थानाध्यक्ष सुरेश कुमार सिंह, सीओ योगेन्द्र कुमार, पुलिस बल के साथ टीम गठित करते हुए छापेमारी करने का आदेश दिया. टीम ने गुरूवार की सुबह 8:30 बजे के आसपास शहर पहुंचे तो दर्जनों प्रतिबंधित दुकानें खुली थी. टीम ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए सुभाष चौक के पास एक घड़ी, फर्नीचर और बर्तन तथा पूर्णिया गोला चौक के पास चार कपड़े की दुकानों पर छापेमारी कर दुकान को सील कर दिया.
जिला प्रशासन की छापेमारी के साथ ही चोरी छिपे दुकान खोलने वाले तमाम दुकानदारों में हड़कंप मच गया. शहर में भले दूकान न खुली हो लेकिन गली मुहल्ले में खुली दुकान और दुकान पर लोगों की भीड़ इस कोरोना महामारी को और बढ़ा सकती है. जिला प्रशासन को शहर में मुख्य सड़क के साथ-साथ शहर के गली मुहल्ले में भी नजर रखने की आवश्यकता है.
थानाध्यक्ष सुरेश कुमार सिंह ने बताया कि प्रतिबंधित 8 दुकान को सील करते हुए आगे की कार्रवाई के लिए एसडीएम को दिया गया है.

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