30 से 35 रूपये लीटर महंगा सरसों तेल
सरसों तेल एक माह पहले तक 140-145 रूपये प्रति लीटर बिक रहा था. आज खुदरा दुकान में इसका दाम 160 से 170 रूपये प्रति लीटर पहुंच गया है. अगर एक साल की बात करें तो प्रति लीटर 70 रुपए तक यह महंगा हो गया है. ज्ञात हो कि गत पिछले वर्ष 24 मार्च को जब कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन शुरू हुआ था तो बाजार में सरसों तेल 90 से 95 लीटर बिक रहा था. सरसों तेल के दाम बढ़ने से मध्यवर्गीय वह गरीब परिवार के घर का बजट गड़बड़ा गया है. जबकि लोग इस उम्मीद में बैठे हैं कि सरसों तेल का दाम 100 रूपए लीटर से नीचे आएगा जानकारी के मुताबिक सरसों का उपज ज्यादा हुआ है. इससे बाजार में सरसों का भाव भी नीचे आया है. इसके बावजूद सरसों तेल के भाव में हर दिन रिकॉर्ड नया रिकॉर्ड बनते जा रहा है कुछ दिन पहले मसूर दाल के दाम आज 75 से 80 प्रति किलो लिए जा रहे हैं. इस तरह दलहन के सभी आइटम कोरोना काल में महंगे हो गए हैं. चना दाल 80 से 85 प्रति किलो और अरहर दाल 100 से 115 प्रति किलो की दर से बिक रहा है. हालांकि चीनी का भाव अभी 40 रुपए से 42 रुपए पर अटका पड़ा है पर इसमें भी उछाल की आशंका है. वैसे जो चायपत्ती 300 रूपए किलो थी आज वही चायपत्ती 420 किलो पहुंच गई. हालांकि कई खुदरा दुकानदारों ने बताया कि मंडियों से खरीद गए भाव के हिसाब से ही हल्का मुनाफा लेकर कारोबार करते हैं.
शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए डॉ हरी सब्जियां खाने की सलाह दे रहे हैं पर एक हफ्ते के अंदर सब्जियों के दाम में इतना अधिक हो गया कि अधिकांश लोगों ने दाल रोटी का दामन थाम लिया है. खुले बाजार में अब तक 15 रूपये किलो बिकने वाला आलू 16 से 18 रूपये किलो बिक रहा है. प्याज के दाम भी 25 से 30 रूपये प्रति किलो तक हो गए हैं. जबकि कद्दू और टमाटर के भाव 20 से ₹25 प्रति किलो हो गए हैं शहर के हाथों में परवल जहां 7 से ₹65 प्रति किलो बिक रहा है वहीँ भिंडी के दाम चढ़कर ₹40 तक पहुंच गए हैं. स्वाद में तीखा लगने वाला करेला का स्वाद और तीखा हो गया है. उधर फलों के दाम भी आसमान छूने लगे हैं नारंगी 150 रुपए से 170 रुपए पहुंच गई है.जब कि सेब का दाम चढ़कर 200 प्रति किलो तक बिक रहे हैं इस तरह महंगाई में इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत करना भी चुनौतियों का समान होते जा रहा है.
दाम के लिहाज से नींबू ने संतरा व मौसमी के रेट को पीछे छोड़ा
कोरोना संक्रमण के बीच इन दिनों सबसे अधिक मांग नींबू की है यही वजह है कि इसके दामों में एकाएक उछाला आ गया है. वहीं दूसरी और बाजार में इम्यूनिटी बढ़ाने वाली विटामिन सी से युक्त फलों के भी दाम बढ़ गए हैं. खास बात है कि फल मंडी में थोक और बाजार में बिकने वाला फुटकर के दामों में भी काफी अंतर है इसका एक कारण रमजान भी है इसके चलते भी कई दिनों से फलों के दामों में इजाफा होने लगा.लेकिन अब कोरोना संक्रमण के बीच इन दिनों फलों के दाम में काफी उछाल आ गया है. इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक नींबू ने संतरा व मौसमी के रेट को भी काफी पीछे छोड़ दिया. बाजार में संतरा 150 से 180 रूपए और मौसमी 80 से 100 रुपए प्रति किलो बिक रहा है. वही नींबू बाजार में दस से 15 रुपए गोटा (एक) बिक रहा है. यही नींबू पहले पांच रुपए में कहीं चार रुपए तक तो कहीं पांच के दो बिक रहा था. अब क्यों ना काल में इस के भी दाम में उछाल आ गया है नींबू विक्रेताओं का कहना है कि जब हम लोग को ही मांगे रेट में मिला है तो कैसे कम दाम में बेचेंगे. इसी तरह फल दुकानदारों का कहना है कि रमजान के साथ अब कोरोना संक्रमण से बचने के लिए विटामिन सी से युक्त फलों की मांग बढ़ने से भी दामों में उछाल आया है.
इस बाबत सदर अनुमंडल पदाधिकारी नीरज कुमार ने बताया कि सभी किराने दुकानदारों को साफ तौर से कहा गया है कि कालाबाजारी करेंगे तो उन पर कार्रवाई भी की जाएगी.
(नि. सं.)

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