मौके पर विद्यालय की प्रधानाध्यापिका कविता नंदिनी ने छात्र करण कुमार को मिठाई खिलाकर बधाई दी. साथ ही प्रशस्ति पत्र के साथ-साथ अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया. विद्यालय की प्रधानाध्यापिका कविता नंदिनी ने कहा कि लॉक डाउन की वजह से छात्र को पढ़ाई में काफी दिक्कतें आई थी फिर भी जहां भी जैसे भी सहयोग बन पड़ता था हम लोग उसे उपलब्ध करवाते थे. नहीं तो हमारे विद्यालय में पढ़ने वाले और भी छात्र छात्रा अच्छे अंक प्राप्त करते. करण कुमार ने विद्यालय के अपने पुराने सम्मान को कायम रखा और माता पिता के भरपूर सहयोग एवं सच्ची लगन से पढ़ाई कर सफलता अर्जित की है. हम इनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं.
करण ने बताया कि लॉकडाउन के कारण वह विद्यालय से दूर रहा और ठीक से पढ़ाई नहीं कर पाया. फिर भी गांव के शिक्षक सिटू सर का उन्हें भरपूर सहयोग मिलता रहा. आज इसी कारण वह इस मुकाम को पा सका है.
मौके पर मौजूद पिता ने बताया कि जब मेरे बड़े पुत्र करण की उम्र 7 साल थी तब हमने उसे ज्ञान सागर स्कूल के छात्रावास में रखा था. जहां वह उस समय अपने हाथों से कपड़े नहीं धो सकता था तो हम घर से कपड़ा धोकर ला देते थे. बचपन से ही उसे किसी भी काम में मन नहीं लगता था. सिर्फ पढ़ाई किया करता था. लॉकडाउन के समय गांव के ही शिक्षक सिटू जी से सहयोग लेकर पढ़ाई किया करता था. शाम में जब हम मजदूरी करके लौटते थे तो देर रात तक इसे पढ़ते पाते थे. इसे हमने कभी पढ़ाई के लिए दबाव नहीं बनाया था, वह स्वयं पढ़ाई किया करता था.
हम मजदूर किस्म के आदमी हैं हमें अपने बच्चे में पढ़ने की प्रतिभा को देखकर अभी से आगे बढ़ाने के लिए कहीं ना कहीं से सहयोग की आवश्यकता होगी, वरना हम कैसे इसे अच्छी और उच्च शिक्षा देकर एक सभ्य नागरिक बना सकेंगे. वहीं मौके पर विद्यालय के सभी शिक्षक शिक्षिकाओं ने करण कुमार को आशीर्वाद दिया एवं उज्जवल भविष्य की कामना की.
मौके पर विद्यालय की प्रधानाध्यापिका कविता नंदिनी, पूर्व प्रधानाध्यापक नित्यानंद मंडल, डॉ रूद्रधर झा नवल, मंजू कुमारी, सदानंद यादव, प्रभात रंजन कुमार, रूपमाला कुमारी, अनीता वर्मा, मुद्रिका कुमारी, रेखा कुमारी, अमृता कुमारी, विक्रांत गौरव, सुजीत कुमार, राहुल प्रसाद गुप्ता, उपेंद्र कुमार यादव, आकांक्षा, इंदु लता एवं सभी शिक्षकेत्तर कर्मी मौजूद थे.

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