निजी स्कूल के बच्चे की मौत के बाद परिजन व ग्रामीणों ने किया सड़क जाम

मधेपुरा जिले के गम्हरिया थाना क्षेत्र के गम्हरिया बाजार स्थित सेंट माइकल प्ले स्कूल के छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहे सत्यम कुमार की मौत हॉस्टल में हो जाने की सूचना मिलने पर परिजनों ने सड़क जाम कर दिया. 

मिली जानकारी के अनुसार सत्यम कुमार पिछले 4 साल से गम्हरिया स्थित प्ले स्कूल में रह कर पढ़ाई करता था और बुधवार के सुबह करीब 6:00 बजे स्कूल संचालक गौरव कुमार के द्वारा परिजनों को सूचना दिया गया कि सत्यम कुमार की तबियत खराब है और उन्हें इलाज के लिए जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. परिजनों ने सूचना पाकर मेडिकल कॉलेज पहुंच कर देखा कि लावारिस अवस्था में सड़क किनारे बच्चे की लाश पड़ी हुई है. जिस बात पर परिजनों ने बच्चों के लाश को उठाकर गम्हरिया के टोका स्थित सिंहेश्वर-सुपौल मुख्य पथ को 5 घंटे के लिए जाम कर दिया. वहीं जाम की सूचना मिलने पर थाना अध्यक्ष अमित कुमार राय दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर परिजनों को समझाने बुझाने की कोशिश की मगर परिजनों की एक ही मांग थी कि स्कूल संचालक की गिरफ्तारी हो और वरीय अधिकारी के आने के बाद ही जाम की समाप्ति होगी. वहीं सूचना मिलते ही आसपास के लोग जाम स्थल पर पहुंचने लगे उसके बाद गाड़ियों की लंबी कतार लग गई. 

हालांकि स्कूली बच्चे (उम्र करीब 10 वर्ष) की मौत की सूचना मिलने के बाद आसपास खुले सभी विद्यालय के संचालकों द्वारा बच्चों को छुट्टी देकर घर भेजा जाने लगा. बहरहाल देखने को यह भी मिला कि जब बिहार सरकार के द्वारा प्राइवेट एवं सरकारी स्कूल को पूर्ण रूपेण बंद की सूचना कर दी गई है तो फिर किस आधार पर निजी विद्यालय खुला हुआ है. यही नहीं विद्यालय में हॉस्टल भी संचालित किया जा रहा है. वहीं बताया गया कि जिला से जिला पदाधिकारी के द्वारा बंद की कोई चिट्ठी नहीं दी गई है जिस कारण स्कूल खुला हुआ है.

वहीं मृतक की मां पविता देवी ने बताया कि बच्चा इस साल क्लास 4 में गया था और जिसको 1 सप्ताह पूर्व किताब कॉपी खरीद कर दिया गया था और बताया गया कि स्कूल का बकाया रुपया मंगलवार को दे दिया गया और बच्चे से मिलने की बात कही तो बताया कि बच्चा आपसे मिलने के बाद घर जाने की मांग करने लगेगा जिस बात को लेकर बच्चे से मिलने नहीं दिया गया. वहीं परिजनों का आरोप है कि बच्चे की तबीयत खराब थी तो वह सूचना पूर्व में क्यों नहीं दिया और ऐसी क्या तबीयत खराब हो गई थी कि गम्हरिया के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बच्चे का इलाज नहीं कराया गया. 

मृतक के परिजनों के द्वारा गम्हरिया थाना में आवेदन देकर केस दर्ज करने की गुहार लगाई गई है. आवेदक मृतक के दादा त्रिवेणी यादव ने बताया कि मेरा पोता सत्यम कुमार पिछले ढाई वर्षो से सेंट माइकल प्ले स्कूल बभनी रोड स्थित गम्हरिया में पढ़ रहा था. जिसका संचालक गौरव कुमार है. मृतक के दादा ने कहा कि मंगलवार को सत्यम से मिलने उसके स्कूल सत्यम की मां के साथ गए थे मगर मुझे और सत्यम की मां को मिलने नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि पिछला ड्यूज 5000 रुपए जमा भी किया जिसके बाद संचालक के द्वारा कहा गया कि अभी सत्यम पढ़ रहा है और मिलने के बाद ध्यान घर के तरफ भटक जाएगा. इसी को लेकर अभी आप उनसे मत मिलिए. 

वहीं मृतक की मां पविता देवी ने बताया कि होली से पूर्व 24 मार्च को सत्यम को होली की छुट्टी में घर लाने के लिए स्कूल गए मगर स्कूल संचालक के द्वारा कहा गया कि बाकी ड्यूज जमा करने के बाद ही बच्चे को स्कूल से छुट्टी दिया जाएगा. इस बात पर हमने कहा कि होली के बाद बाकी का ड्यूज जमा कर देंगे तो फिर भी उन्होंने छुट्टी नहीं दिया. इसी बात पर बच्चे से मिलकर हम घर आने लगे तो मुझे मेरे पुत्र सत्यम ने कहा कि मुझे घर ले चलो तो एक बात आपको बतानी है, तो हमने बोला कि बताओ क्या बात है तो सत्यम ने बताया कि घर जाकर ही बताएंगे तब सत्यम की मां ने सत्यम से पूछा कि क्या बात है तो सत्यम ने बोला गौरव सर बोले हैं कुछ बताएगा तो जान से मार देंगे. वहीं मृतक की मां ने कहा कि बुधवार की सुबह करीब 7:00 बजे स्कूल संचालक गौरव कुमार मेरे घर पर आए और बोले कि सत्यम की तबीयत खराब है जिसको लेकर मधेपुरा मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया है. उसके बाद परिजनों के साथ जब हम लोग मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो देखा कि आपातकालीन कक्ष के आगे लावारिस अवस्था में सत्यम की लाश पड़ी थी और वहां से गौरव फरार था. वहीं मृतक के दादा ने स्कूल संचालक गौरव कुमार सहित उनके पिता जवाहर यादव पत्नी नीलू कुमारी एवं अन्य 10 शिक्षकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है.

6 घंटे बाद टूटा जाम 

सदर अनुमंडल पदाधिकारी नीरज कुमार व एसडीपीओ अजय यादव के आश्वासन पर ग्रामीणों ने हटाया जाम. 6 घंटे बाद जिला से सदर अनुमंडल पदाधिकारी व एसडीपीओ जाम स्थल पर पहुंचकर परिजनों को समझा-बुझाकर जाम को हटवाया. एसडीपीओ ने बताया कि 1 सप्ताह के अंदर स्कूल संचालक की गिरफ्तारी की जाएगी और गिरफ्तार नहीं होने पर उनके घर की कुर्की जब्ती की जाएगी. सदर अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं करने के विरुद्ध भी स्कूल संचालक पर एक केस दर्ज किया जाएगा.

थाना अध्यक्ष अमित कुमार राय ने बताया कि परिजनों के द्वारा आवेदन दिया गया है. आवेदन के आधार पर केस दर्ज किया गया और जल्द से जल्द सभी आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा.

वहीं स्कूल संचालक गौरव कुमार ने बताया कि बच्चे को पेट में दर्द होने पर उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई.

लाश को पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंपा गया. मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी अलीशा कुमारी, अंचलाधिकारी बुच्ची कुमारी, प्रखंड प्रमुख शशि कुमार, जिला परिषद प्रतिनिधि डॉ रवि शंकर उर्फ पिंटू यादव, मुखिया अनोर देवी, मुखिया प्रतिनिधि संतोष यादव, रूपेश सिंह, ललटू कुमार आदि मौजूद थे.

निजी स्कूल के बच्चे की मौत के बाद परिजन व ग्रामीणों ने किया सड़क जाम निजी स्कूल के बच्चे की मौत के बाद परिजन व ग्रामीणों ने किया सड़क जाम  Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 07, 2021 Rating: 5

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