ये न्यायिक व्यवस्था और जिला प्रशासन के लिए वाकई ख़ुशी मनाने की बात है. बढ़ते मुकदमों के बोझ को कम करने के लिए हाल के वर्षों से उच्च और उच्चतम न्यायालय भी सुलह के आधार पर मुकदमों को ख़त्म करने के लिए लगातार प्रयासरत है. ऐसे भी यदि कोई गाँव ऐसा मिले जहाँ कोई मुकदमा ही नहीं हो तो वाकई ये समाज की सुख-शान्ति के लिए न्यायालय और जिला प्रशासन के द्वारा हो रहे प्रयास की सफलता है.
मधेपुरा जिले के दो गांवों को मुकदमा मुक्त (लिटिगेशन फ्री) गाँव घोषित किया गया और इसके लिए मधेपुरा जिले के घैलाढ़ प्रखंड क्षेत्र के ध्रुवपट्टी गांव तथा मधुरापुर टोला, अरजपुर पूर्वी, थाना- चौसा को मुकदमा मुक्त घोषित होने पर शुक्रवार को श्रीनगर पंचायत सरकार भवन में कार्यक्रम का आयोजित कर जिला जज, डीएम एवं एसपी ने गांव के जनप्रतिनिधियों को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
मधेपुरा जिला अंतर्गत चौसा प्रखंड के अरजपुर पश्चिमी पंचायत के वार्ड नंबर 9 मधुरापुर में आज तक एक भी वाद विवाद का मुकदमा दायर नहीं हुआ है. जिसकी जांच अपने स्तर से अनुमंडल पदाधिकारी संजीव कुमार सिंह ने भी किया. जिसकी कुल आबादी नौ सौ के करीब है. जिसमें कुल डेढ़ सौ परिवारों का गुजर-बसर होता है
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश चंद्र मालवीय ने की. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला न्यायाधीश ने कहा कि ध्रुवपट्टी गांव बिहार का पहला गांव है, जो वाद रहित गांव है. यह जिलेवासियों के लिए काफी खुशी की बात है. उन्होंने कहा कि श्रीनगर पंचायत के आदर्श ग्राम ध्रुवपट्टी में एक भी मुकदमा नहीं है. यहां के लोग अपनी सूझबूझ के साथ छोटी-मोटी समस्याओं का निराकरण स्वयं या बड़े बुजुर्गों के साथ मिलजुल कर करते हैं.
जिला न्यायाधीश श्री रमेश चन्द मालवीय ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हम या माननीय उच्च न्यायालय पटना भी यह चाह रहा है कि गाँव में आपसी विवाद का निपटारा अपने स्तर से सुलह से कर लिया जाय. हमारे इंस्पेक्टिंग जज साहब का भी ये सुझाव था कि गाँव को ही हम वादमुक्त घोषित करें. आज यहाँ आये अपार जनसमूह को देखकर हमें और भी उर्जा मिली है कि ऐसे अवसर अधिक से अधिक आयें ताकि वादमुक्त गाँव घोषित करें और हमलोग आयें. जिलाधिकारी ने भी कहा है कि ऐसे गाँव को हम सरकारी योजना के तहत विशेष सुविधा दिलाएंगे. माननीय न्यायालय भी यह चाहती है कि अधिक से अधिक गाँव वादमुक्त हो और लोग विना विवाद के ख़ुशी पूर्वक रह सकें.
जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश चंद मालवीय ने कहा कि ध्रुवपट्टी गांव में 307 भादवि के तहत एक मामला वर्ष 2014 में दर्ज हुआ था जो जिला एवं सत्र न्यायाधीश मधेपुरा के न्यायालय में था. इसके संबंध में उन्हें बताया गया. इसके बाद उसने इस मामले की त्वरित सुनवाई करते हुए निष्पादन कर दिया. वाद रहित गांव ध्रुवपट्टी आकर उन्हें बहुत ही अच्छा लग रहा है. उन्होंने उपस्थित लोगों से अपील की कि छोटे-मोटे मामलों को गांव स्तर पर सरपंच के न्यायालय में सुलझा लिया जाए. कहा कि केस-मुकदमा से परिवार एवं गांव का विकास बाधित हो जाता है.
मौके पर जिलाधिकारी श्याम बिहारी मीणा ने कहा कि ध्रुवपट्टी ने आज पूरे पंचायत का नाम रोशन किया है. देखा जाय तो ध्रुवपट्टी और चौसा का गाँव जिले का नंबर वन है. लड़ाई से किसी का फायदा नहीं होता. डीएम ने कहा कि यदि आपको कहीं लग रहा है कि किसी गाँव में ऐसे केस हैं जहाँ आपसी सुलह से उसे ख़त्म किया जा सकता है तो वहां आप सूचना दें. हम वैसे मामले में जिला न्यायाधीश, जिनके मार्गदर्शन में ये पूरा कार्यक्रम हो रहा है, से मदद का आग्रह करेंगे.
वहीं एसपी योगेंद्र कुमार ने उपस्थित सभी पदाधिकारी एवं के गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए कहा कि किसी भी गांव में मुकदमा या वाद रहता है तो आपस में लोग लड़ते झगड़ते रहते हैं. ध्रुवपट्टी गांव के वाद रहित गांव होने पर उन्हें बहुत प्रसन्नता हो रही है. इस गांव के लोग आपस में बैठकर या पंचायत स्तर पर ही अपने झगड़े को सुलझा लेते हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि इसी तरह आगे भी इस गांव में अमन और शांति कायम रहेगी. कार्यक्रम के अंत में जिला न्यायाधीश ने श्रीनगर पंचायत के सरपंच, मुखिया, उप सरपंच आदि को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इसके बाद सभी पदाधिकारी ध्रुवपट्टी गांव के कार्तिक मंदिर परिसर में उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया।
No comments: