उन्होंने कहा टीबी हारेगा देश जीतेगा कार्यक्रम के तहत देश से टीवी को जड़ से समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें ग्रामीण चिकित्सक और आशा को शामिल किया गया है। ग्रामीण चिकित्सक को सभी पीएसी और सीएससी में प्रशिक्षित किया जा रहा है। ताकि सही ढंग से काम कर सके इस में काम करने वाले ग्राम चिकित्सकों के लिए 100 प्रतिदिन तथा यक्ष्मा के मरीज मिलने पर 500 दिया जाएगा। उस मरीज का सीएचसी में परीक्षण के बाद 6 माह तक दवा खिलाने का कोर्स पुरा करने पर 1 हजार का भुगतान मिल सकता है। उन्होंने बताया कि जिला में अब तक मंडल कारा, उपकरा उदाकिशुनगंज, बाल सुधार गृह, एनआरसी, रेन बसेरा मधेपुरा जाकर जांच किया गया है। जिसमें शंकरपुर में 10 केस के आसपास सामने आया है। अब सिंहेश्वर और गम्हरिया में ट्रेनिंग के बाद रोगी के खोज का अभियान तेज किया जाएगा। ताकि 2025 देश से यक्ष्मा को समाप्त करने का लक्ष्य को पूरा किया जा सके।
मौके पर यक्ष्मा विभाग के एसटीएस मोनी कुमारी, एसटीएलएस संजीत साह, स्टोर इंचार्ज सुनील कुमार, गजेंद्र मुखिया, मनोज कुमार सिंह, आनंद सिंह, पंकज कुमार सिंह, राम नारायण ठाकुर, भालचंद भास्कर, अशोक कुमार, अशोक कुमार राणा, मिथिलेश कुमार सिंह, प्रमोद कुमार सिंह मौजूद थे.

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