समारोह की अध्यक्षता करते हुए वरीय काँग्रेसी रामचंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि डा. सिंह के जाने से चिकित्सा जगत को अपूरणीय क्षति हुई है, जिसकी भरपायी असंभव है. मौके पर मौजूद इंटक के जिलाध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने कहा कि डा. सिंह गरीबों के लिए अपना जीवन दान कर दिया था. भूमि विकास बैंक के प्रदेश प्रतिनिधि सहित अन्य सामाजिक संस्थानों से जुड़े रहने वाले आलमनगर राज परिवार से ताल्लुक रखने वाले पूर्व विधान पार्षद बागेश्वरी प्रसाद सिंह के सुपुत्र डॉक्टर अमरेश्व प्रसाद सिंह उर्फ सोना बाबू जीवन भर गरीबों का मुफ्त में इलाज कर यह साबित कर दिया था कि गरीबों की सेवा ही उनकी पूजा है. उन्होंने कहा कि
"रहने को सदा दहर में आता नहीं कोई
आप जैसे गए, ऐसे भी जाता नहीं कोई!"
वे वैसे सोना थे जिसमें सुगंध ही सुगंध था. अपने इलाके के गरीबों की सेवा के लिए वे सदैव तत्पर रहते थे. प्राचार्य रविंद्र कुमार रमन ने कहा कि उनका जाना इस इलाके में गरीबों के लिए किसी त्रासदी से कम नहीं. कम दवाई में उचित इलाज उनके जैसा चिकित्सक ही कर सकता था. राजपरिवार में जन्म लेने के बाद भी उनका गरीबों के प्रति लगाव अविस्मरणीय है.
मौके पर डॉ डी.के. सिन्हा, डॉ पूजा भारती, डॉ एस के संत, डा. ए.के. मिश्रा, डॉ मनोज कुमार, डॉ मिथिलेश कुमार, डॉ संदीप कुमार सोनू, डॉ आशीष, डॉ संतोष कुमार ने कहा कि राज परिवार से रहने के बावजूद भी गरीब एवं निर्बल मरीजों का वह जिस तरह चिकित्सा करते थे वह चिकित्सा जगत में मार्गदर्शन के लिए मील का पत्थर है. मौके पर मौजूद विष्णु प्रसाद सिंह, हाजी अब्दुल सत्तार, जयप्रकाश सिंह, प्राचार्य प्रभास कुमार पिंटूजी, पैक्स अध्यक्ष प्रीतम कुमार मंडल ने कहा कि ऐसे महामानव बार-बार धरती पर नहीं आते.
इस मौके पर विजय जैन, सुमित कुमार सिंह, चितरंजन कुमार सिंह, बबलू सिंघानिया, विभूति झा, हीरा पासवान, भंवर दान जी, राजेश कुमार सिंह, रूपक कुमार सिंह, अजय कुमार सिंह, अमिताभ कुमार, विवेकानंद सिंह, मुन्ना सिंह आदि ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किये. इससे पहले सभी वक्ताओं ने उनके चित्र पर फूल चढ़ाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किया.
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