बीएन मंडल विश्वविद्यालय अंतर्गत एनएच 107 पर अवस्थित के.पी. महाविद्यालय में आज सोमवार 4 जनवरी को के.पी. महाविद्यालय के संस्थापक संविधान प्रारूप समिति के सदस्य कमलेश्वरी प्रसाद यादव की 119वीं पुण्यतिथि स्थापना दिवस के रूप में मनाई गई.
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बीएन मंडल विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो डॉ आर के पी रमण एवं विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ कपिल देव प्रसाद, के.पी. महाविद्यालय के स्थापना काल में सेक्रेटरी सह बीएन मंडल विश्वविद्यालय के आजीवन अभिषद सदस्य पद स्वर्गीय कमलेश जी बाबू के पुत्र अभय कुमार पुत्र आनंद कुमार, महाविद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मी ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित की.
महाविद्यालय प्राचार्य डॉ राजीव कुमार मल्लिक द्वारा कुलपति, कुलसचिव महोदय को पुष्प माला एवं अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया.
इस अवसर पर महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था. कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राजीव कुमार मल्लिक ने की, वहीं मंच संचालन का काम सेवानिवृत्त हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अरविन्द लाल दास ने की. इस अवसर पर प्राचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि महाविद्यालय में कोविड-19 को लेकर लॉकडाउन के कारण महाविद्यालय बंद रहा, पठन-पाठन काफी बाधित हुआ. अब पुनः महाविद्यालय के सभी शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मी तथा छात्र कॉलेज पहुंचकर अपने पठन-पाठन को सुचारू ढंग से शुरू करेंगे.
मौके पर सेवानिवृत्त के.पी. महाविद्यालय के इतिहास विभागाध्यक्ष प्रोफेसर नागेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि बड़े ही सौभाग्य की बात है कि हमारे महाविद्यालय के छात्र आज इस विश्वविद्यालय के कुलपति के पद पर सुशोभित हैं. उन्होंने कहा कि जो पढ़ाई का माहौल कुलपति महोदय अपने समय में महाविद्यालयों में देखे थे उसे पुनः लाने का प्रयास करेंगे.
कमलेश्वरी बाबू के जयंती के मौके पर उन्होंने कहा कि यह महान शिक्षाविद थे और टीपी कॉलेज, द्वारिका कॉलेज, सहरसा कॉलेज सहरसा को खुलवाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा था. अंतिम समय में वे मुरलीगंज प्रखंड क्षेत्र में महाविद्यालय की स्थापना के लिए सजग हुए और 30 जुलाई 1965 को मात्र 6 शिक्षकों के बल पर उन्होंने के.पी. महाविद्यालय की स्थापना की थी. इतिहास में प्रो. नागेंद्र प्रसाद यादव, राजनीति विज्ञान में प्रो. चितानंद यादव, अर्थशास्त्र में प्रोफेसर त्रिवेणी प्रसाद साह, मैथिली में प्रो. बालखण्डी झा और दर्शनशास्त्र में प्रोफेसर श्याम नारायण यादव, अग्रेजी में प्रो. डी. एंन. राम थे. कमलेश्वरी बापू जमींदार परिवार के थे फिर भी उन्होंने यहां के बड़े बड़े जमींदारों से जमीन दान लेकर महाविद्यालय का निर्माण करवाया था कि इस ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे भी शिक्षित होकर आगे बढ़े, इस क्षेत्र से अशिक्षा दूर हो सके.
के.पी. महाविद्यालय के पूर्व छात्र एवं जोरगामा पंचायत के पूर्व मुखिया मिथिलेश आर्य ने कुलपति महोदय से आग्रह किया कि वह यहां गृह विज्ञान एवं भूगोल की पढ़ाई की अनुमति प्रदान करें. तदुपरांत कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महाविद्यालय के कुलसचिव डॉ कपिलदेव प्रसाद महाविद्यालय के आधारभूत संरचनाओं के विकास की बात को दोहराया. साथ ही उन्होंने कहा कि वर्तमान कुलपति द्वारा के.पी. महाविद्यालय के शैक्षणिक विकास एवं आधारभूत संरचना के विकास के लिए हर संभव मदद करने के लिए तैयार हैं. बस महाविद्यालय के प्राचार्य को यूजीसी से प्राप्त पैसे का यूटिलाइजेशन भेजना है. यूजीसी दोनों हाथों से पैसे देने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि कमलेश्वरी बाबू का सपना तब तक साकार नहीं होगा जब तक यहां के छात्र और शिक्षक इस महाविद्यालय का नाम और पहचान विशेष रूप से दर्ज नहीं करवाएंगे.
बीएन मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आर के.पी. रमण ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस महाविद्यालय के वे छात्र रह चुके हैं और आज भी छात्र उपस्थिति पंजी निकाल कर देखी जाए तो सबसे ज्यादा उपस्थिति उनकी होगी. वह अपने घर से 7 किलोमीटर पैदल चलकर महाविद्यालय प्रतिदिन आते थे और शिक्षक भी पढ़ाने का काम करते थे. आज भी हमारे समय के कुछ शिक्षक इस मंच पर मौजूद हैं जो इस सच्चाई को जानते हैं. यह मेरा मातृ शैक्षणिक संस्थान है हम अपने कार्यकाल में ही इसके उत्तर उत्तर दिशा कृत संकल्पित हैं. उन्होंने छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों से अनुरोध किया कि महाविद्यालय में शैक्षणिक माहौल तैयार करें. कमीशन से आए शिक्षक के अलावे अतिथि शिक्षक भी सभी विषय में उपलब्ध हैं.
कुलपति महोदय ने कहा कि वे चाहते हैं कि यहां पीजी के सभी विभागों की पढ़ाई शुरू हो. बस इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता है जिसे महाविद्यालय के प्रचार से जल्द से जल्द यूजीसी से फंडिंग करवा कर कांड प्रारंभ करवाने की बात कह डाली. बिहार ऐड्स कंट्रोल सोसायटी द्वारा आयोजित युवा संचार क्विज प्रतियोगिता में महाविद्यालय की दो छात्राओं ने प्रतियोगिता में जीत सुनिश्चित की और महाविद्यालय के साथ-साथ विश्वविद्यालय का भी नाम रोशन किया.
मौके पर महाविद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मी उपस्थित थे प्रो. महेंद्र मंडल डा. शिवा शर्मा, डा. सुशांत सिंह, डा. प्रतीक कुमार, डा. रविंद्र कुमार, डा. प्रतीक कुमार, डॉ. चंद्रशेखरआजाद, डॉ. सदय कुमार, डॉ त्रिदेव निराला, डॉ विजय पटेल, डॉ अली अहमद मंसूरी, डॉ सज्जाद, अतिथि शिक्षकों में विश्वविद्यालय अतिथि शिक्षक संयोजक डॉ राजीव जोशी, डा. राघवेंद्र कुमार, डॉ शालू पंसारी, प्रीति कुमारी, डा. नजराना आजमी, दीपा कुमारी, रितु रत्नम, डॉ किरण कुमारी, जयंत कुमार, अखिलेश मिश्रा, दीपक कुमार. वहीं शिक्षकेत्तर कर्मी में प्रधान लिपिक नीरज कुमार, लेखापाल देवाशीष कुमार, महेंद्र यादव, गजेंद्र दास, नीरज कुमार, प्रभाकर मंडल, एनसीसी और एनएसएस के छात्र-छात्रा उपस्थित थे.
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