जेल प्रशासन ने कैदियों के आमरण अनशन से इंकार किया, जबकि जिला प्रशासन ने कैदियों के अनशन की बात को कबूल किया है.
इलाजरत कैदी अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि एक दिसंबर से मंडल कारा के 80 कैदी जेल में व्याप्त भ्रष्टाचार, कुव्यवस्था, कैदियों के साथ दुर्व्यवहार के खिलाफ अनशन में बैठे थे. शुक्रवार को जेलर ने जबरन अनशन तुड़वा दिया. अनशन के दौरान मेरी तबियत बिगड़ने पर इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया.
उन्होंने जेल प्रशासन पर आरोप लगाया कि कैदियों को भर पेट भोजन नहीं देता है और विरोध करने पर धमकी देता है. उन्होंने जेल में कैदियों के साथ अमानवीय व्यवहार और विभिन्न समस्या को लेकर जेलर के माध्यम से डीएम को आवेदन भेजा लेकिन जेलर आवेदन को डीएम तक नहीं भेजा. कैदी को पर्याप्त भोजन नहीं मिलने से कैदियों की स्थिति खराब हो रही है.
इस बावत मोबाइल से जब जेलर से सम्पर्क किया तो जेलर ने कैदियों के आमरण अनशन की बात से इंकार कर दिया, साथ ही कहा कि कोई भी जानकारी जेल अधीक्षक देंगे. जेल मे कैदियो के आमरणअनशन के बावत प्रभारी जिला पदाधिकारी सह उप विकास आयुक्त विनोद कुमार सिंह ने बताया कि कैदी को इलाज के लिए भर्ती कराने की सूचना मिली है. उक्त कैदी की जानकारी मिलने के बाद एसडीएम को अस्पताल जाने का निर्देश दिया गया है.
एसडीएम नीरज कुमार ने मंडल कारा की जांच कर लौटने पर बताया कि कैदी अनशन पर जरूर थे लेकिन फिलहाल अनशन समाप्त हो गया है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में जेल की व्यवस्था में सुधार हुआ है. नये जेल अधीक्षक का पदस्थापन हुआ है. कैदियों की जो भी समस्या है उसे दूर करने की पहल हो रही है. कैदी से मिलने सदर अस्पताल जा रहा हूं.
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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December 05, 2020
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