आज के बैठक की अध्यक्षता अर्चना कुमारी ने की. वहीँ बेबी कुमारी जिला महासचिव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 1975 से हम लोग काम करते करते थक चुके हैं. एक मजदूर से भी हम लोगों को कम मजदूरी दिया जा रहा है. मानदेय के नाम पर हम लोगों को ठगने का काम सरकार कर रही है. हम लोग 5650/- रूपये पर काम कर रहे हैं. इतना कम मानदेय होने के बावजूद 2016 का मानदेय भुगतान अब तक नहीं किया गया है. इस मामले के लिए कई बार आवेदन दिए जा चुके हैं पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई है. 2020 के लिए जून से अब तक एक भी पैसे का भुगतान नहीं हुआ है. 4 वर्षों से बकाए केंद्र किराए, गोद भराई ,अन्नप्राशन, एवं मोबाइल रिचार्ज वहीं उन्होंने कहा कि सरकार जो काम हमसे ले रही है उन कामों के बदले में जो भुगतान है वह तो कर दे.
टीएचआर वितरण में ओटीपी की समस्या को बताते हुए कहा कि हमारा कार्य क्षेत्र ग्रामीणों के बीच होता है और ग्रामीण क्षेत्र में होता है जहां संयुक्त परिवार की संख्या ज्यादा आज भी है वहां एक मोबाइल होने पर 4 से 5 लाभुकों को एक मोबाइल से ओटीपी के साथ पीएचआर वितरण करना संभव नहीं है. संयुक्त परिवार में एक मोबाइल और 3 लाभुक को वितरण करना संभव नहीं है इसमें काफी कठिनाइयां एवं परेशानियां हैं.
जिला सचिव कुमारी नीलम ने आज के एक दिवसीय धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि एक तरफ सरकार कुपोषण मिटाने की बात कर रही है. क्या सरकार की यही मंशा है जिनके पास मोबाइल होगा उन्हें ही लाभ प्राप्त होगा. लेकिन सरकार के नए ढोकले वाले तरीके से ऐसा लगता है कि उनकी मंशा साफ नहीं है. पहले डीबीटी आई जिसका हम लोगों ने विरोध किया पर हम लोगों से जबरन लाभुकों के खाते नंबर लिए गए, वह खाता नंबर दिए पर उसमें भी आज तक पैसे डालने में परेशानी होने लगी, फिर ओटीपी वाले बहाने कहां से आ खड़े हो गए.
अर्चना कुमारी, सेविका सहायिका जिला अध्यक्षा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 2016-17 के लिए किसी के 8 महीने किसी के 10 महीने के मानदेय अभी तक भुगतान नहीं किए गए हैं. यह बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण है. हम लोगों से 6 घंटे के बदले कभी-कभी 12 घंटे काम लिया जाता है. आंगनबाड़ी सेविका उसे ही बनाया जाता है जिसके यहां पूरी तरह बेरोजगारी होती है. पति बेरोजगार होते हैं. बहुत ऐसे जगह हैं जहां किराए के मकान में आंगनबाड़ी केंद्र चलते हैं और सरकार पिछले 4 वर्षों से अब तक एक भी पैसे का किराया भुगतान नहीं किया. गोद भराई,अन्नप्राशन, एवं मोबाइल रिचार्ज, करोना काल में डीबीटी का सिस्टम लाया गया था उस समय केंद्र बंद थे. लेकिन ऑनलाइन डीबीटी द्वारा खाते के पैसे भेजने का कार्यक्रम सरकार का पूरी तरह फेल हो चुका है तो उन्होंने इस कार्यक्रम को बंद कर दिया. फिर नया सिस्टम यह लाया की ओटीपी के माध्यम से जिस मोबाइल नंबर हम लोगों ने लाभार्थी की सूची में सरकार के पास भेजा है उस पर ओटीपी आने के बाद हम लाभार्थी को पैसे का भुगतान करेंगे. इसमें बहुत सारी परेशानियां है इसलिए सरकार के इस कार्यक्रम का पूरे बिहार में हम लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है.
मौके पर सेविका सहायिका जिला अध्यक्ष अर्चना कुमारी, जिला महासचिव बेबी कुमारी, जिला कोषाध्यक्ष विभा कुमारी, जिला उपाध्यक्ष अनुराधा रानी, जिला सचिव नीलम कुमारी, मधेपुरा प्रखंड अध्यक्ष रिंकू कुमारी, मुरलीगंज प्रखंड अध्यक्ष मंजू कुमारी, मंजू देवी, कांति देवी,आशा कुमारी, कुमारी अंजना भारती ,अंजनी कुमारी , मंजू कुमारी , माला देवी, रंजना कुमारी, कुमारी ब्यूटी, रिंकू कुमारी, पूनम कुमारी, कविता देवी, गुंजन कुमारी, साक्षी कुमारी, विभा कुमारी, सुनीता देवी ,सुनीता हेंब्रम, पुतुल कुमारी ,ममता कुमारी ,कृष्णा कुमारी, नीतू कुमारी श्वेता कुमारी, बबीता कुमारी, रंजना कुमारी, कांता देवी, पूनम देवी, पुष्पा कुमारी, रेखा देवी, जयंती कुमारी मौजूद थे.
No comments: