मधेपुरा जिले में भारतीय डाक कर्मचारी संघर्ष समिति के आह्वान पर श्रम कानून के विरोध में एकदिवसीय हड़ताल पर डटे रहे.
मौके पर शाखा डाकपाल मुरलीगंज सचिव प्रशांत कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि श्रम कानून में मजदूर विरोधी संशोधन गुलामी के चार श्रम कोड कानूनों एवं 12 कार्यादेश रद्द करें. भाजपा शासित व अन्य राज्यों में श्रम निलंबन को वापस लें. मंदी, छटनी, महंगाई पर रोक लगा दें. समान काम समान दान की गारंटी दें. निजी करण बंद करें. राष्ट्रीय संपत्ति को बेचना बंद करें. 50 वर्ष से ऊपर की आयु के सरकारी कर्मियों को जबरन सेवानिवृत्ति के आदेश को रद्द करें. रेल, बैंक बीमा रक्षा, कोयला इस्पात उद्योग सहित सार्वजनिक क्षेत्र के कंपनियों और शिक्षा स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सेवाओं का निजीकरण विनिवेशी करण बंद करें. किसान विरोधी कृषि कानून को वापस लें, कृषि उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी सुनिश्चित करें.
रोजगार का स्थायीकरण ठेका, संविदा कामगारों को नियमित करें, ठेका और शेर सिंह प्रथा को खत्म किया जाए, समान काम का समान वेतन लागू किया जाय. 21000 रु० मासिक न्यूनतम मजदूरी एवं 10000 रु० मासिक पेंशन की व्यवस्था सुनिश्चित करवाई जाए. पथ परिवहन कानून 2014 एवं मोटर वाहन कानून 2019 को जल्द से जल्द वापस ले.
उपरोक्त मांगों को लेकर आज राष्ट्रव्यापी ट्रेड यूनियन की ओर से हड़ताल रखा गया, जिसमें हम लोगों की सहभागिता दी जा रही है. मौके पर रंजीत कुमार चौधरी, मो. इरबान खान, प्रशांत कुमार, जय प्रकाश ना. यादव, सुनसुन सिंह, परमानंद सिंह, विवेक, लड्डू सिंह, मुरलीधर यादव, धनंजय सिंह, परमेश्वरी मंडल, देवेंद्र यादव मौजूद थे.
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