सुबह सात बजे कई बूथों पर मतदाताओं की भीड़ उमड़ी. बुजुर्ग मतदाता जहां बच्चों और बेटियों के सहारे मतदान करने पहुंचे. वहीं घर का चूल्हा चौका निपटाकर महिलाएं भी लोकतंत्र के इस महापर्व में शामिल होने पहुंची. ग्रामीण क्षेत्रों के
मतदाताओं ने फिर साबित किया कि वे लोकतंत्र के इस महापर्व में शहरी मतदाताओं से कतई पीछे नहीं है. अपने मत का प्रयोग करने अपने नन्हे बच्चे को गोद मे लिए महिलाये पांव पैदल रास्ता तय कर मतदान केन्द्र पहुंची. एक महिला मतदाता ने बताया की वोट नै गिरैबै तो बढ़िया सरकार केना बनतै, बोलू?(वोटर औराय शर्मा, उम्र 101 वर्ष) |
आलमनगर विधानसभा क्षेत्र के पुरैनी, चौसा सहित ग्रामीण इलाकों में सुबह मतदान थोड़ा धीमा रहा, लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया मतदाताओं की भीड़ बढ़ती गई. आंकड़ों पर नजर डालें तो आलमनगर विधानसभा क्षेत्र में सुबह 11 बजे तक 19.67 फीसदी, दोपहर एक बजे तक 36.7 फीसदी और दोपहर तीन बजे 44.66 फीसदी मतदान हुआ था. सुबह मतदान में तेजी आई लेकिन जैसे-जैसे सूरज चढ़ता गया मतदाताओं का उत्साह कम देखने को मिला. क्षेत्र के पुरैनी, गणेशपुर, दुर्गापुर, सपरदह, कड़ामा, मकदमपुर जैसे इलाकों में मतदान को लेकर जबरदस्त उत्साह दिखा. बुजुर्ग मतदाता सुबह ही मतदान करने पहुंच गए, लेकिन महिलाएं घर का कामकाज निपटाने के बाद मतदान करने पहुंची. दोपहर में जब पारा चढ़ा तो एक बारगी मतदान केंद्रों पर सन्नाटा पसर गया लेकिन दोपहर साढ़े तीन बजे के बाद जैसे ही गर्मी का प्रभाव कुछ कम हुआ फिर मतदान केंद्रों पर मतदाता पहुंचे.
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