संजय (फ़ाइल फोटो) |
बताया गया कि मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर पंचायत के वार्ड-1 निवासी संजय भगत की मां का निधन हो गया था. सोमवार को उनका नखबाल था. इस कारण से उनकी अस्थियों को गंगा में विसर्जन करने और गंगाजल लाने के लिए सोमवार की सुबह लगभग 6 बजे संजय अपनी सफारी गाड़ी से पड़ोसी शिवेंद्र कुमार, मिथलेश कुमार और चालक बबलू कुमार के साथ महादेवपुर घाट पर गया. जहां अस्थि कलश के विसर्जन के दौरान पैर फिसलने से वह गहरे पानी में चला गया. उसे बचाने के लिए जब शिवेंद्र और मिथलेश नदी में बढ़ा तो वह भी पैर फिसलने के कारण डूबने लगा. इस दौरान बगल में नाव पर सवार नाविक ने एक बांस उसकी तरफ फेंका, जिसको पकड़कर शिवेंद्र और मिथलेश ने किसी तरह से अपनी जान बचाई लेकिन संजय को बाहर नहीं निकाल पाए.
इस बावत वहां के लोगों ने बताया कि अस्थि कलश के विसर्जन से पहले भी गंगा की फिसलन वाली मिट्टी पर तीनों फिसल गए थे. उस समय भी वे लोग किसी तरह बचे लेकिन दोबारा हुई घटना में संजय डूब गया. संजय पूर्व में एक अखबार के लिए संवादाता का काम कर चुके थे. घटना की सूचना मिलते ही उसके परिजनों सहित सिंहेश्वर के कई लोग महादेवपुर घाट पर पहुंच कर उसे खोजने की कोशिश की. सूचना मिलने पर स्थानीय थाना की पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंची. शाम 5 बजे तक गोताखोरों की मदद से खोजने की कोशिश की गई, लेकिन कुछ पता नहीं चल सका.
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