मेडिकल कॉलेज में अल्ट्रासाउंड और एक्सरे को लेकर मरीज और परिजनों ने किया हंगामा

मधेपुरा में जेएनकेटी मेडिकल कालेज एंड हॉस्पिटल के अल्ट्रासाउंड और एक्सरे बैक डोर से करने का आरोप मरीज़ और उसके परिजनों ने लगाया. मरीज सचीता देवी के पुत्र ने बताया कि मेरी मां के पेट का ऑपरेशन हुआ हुआ है, काफी परेशानी में हैं और यहां पर अल्ट्रासाउंड के लिए लिखा गया. 6:00 बजे से लाइन में हैं, 11 बजे अल्ट्रासाउंड करने वाले चिकित्सक आये और एक भी पेशेंट अल्ट्रासाउंड कराने के लिए नहीं गया परंतु कहां से अल्ट्रासाउंड पेशेंट आकर अल्ट्रासाउंड करा कर निकल रहे हैं किसी को पता ही नहीं चल रहा है. यह यहाँ का सेटिंग है कि किसका करना है और किसका नहीं करना है.

कुमारखंड के भोकराहा वार्ड नंबर 7 निवासी देवकी देवी की बेटी गुंजन देवी ने बताया कि मेरी मां का दाहिना भाग संवेदनहीन हो गया है. मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर साहब एक्स-रे लिखे हैं. 7 अक्टूबर से प्रतिदिन आकर घूम कर चले जाते हैं, कहते हैं कि 50 मरीज का ही एक्सरे किया जाएगा लेकिन किसका एक्सरे होता है पता ही नहीं चलता है. मेरी मां 55 वर्ष की है प्रत्येक दिन लाना काफी मुश्किल हो रहा है. वहीं बैरबन्ना वार्ड नंबर 6 निवासी संजय चौधरी ने बताया कि मेरी पत्नी हीरा देवी काफी बीमार है. कहा कि 20 आदमी का ही अल्ट्रासाउंड होता है. 10 अक्टूबर से ही आ रहे हैं. आज भी सुबह 6 बजे आये और 12 बज रहा है. बैक डोर से लोग अल्ट्रासाउंड करा कर निकल रहे हैं, हमारा नहीं कर रहा है.

मुरलीगंज पोखराम वार्ड नंबर 2 निवासी संजय कुमार ने बताया कि 7 तारीख को ही मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए आए थे. वहां अल्ट्रासाउंड लिखा गया. अल्ट्रासाउंड के लिए एच 3 ब्लॉक में आए तो यहाँ कहा गया कि अल्ट्रासाउंड सप्ताह में दो रोज शनिवार और बुधवार को होता है. उसके बाद 10 तारीख को आने को कहा गया. 10 अक्टूबर को जब आए तो कहा कि अल्ट्रासाउंड एक दिन में 20 आदमी का ही होता है. आप लेट हो गए. आज फिर 14 तारीख को सुबह 6:00 बजे से ही यहां लाइन में लगे हुए हैं और 12:00 बजे कहा गया कि अब नहीं होगा. 

बैरबन्ना वार्ड नंबर 7 के मो. लतिफ मिया ने कहा कि मुझे पेशाब में काफी परेशानी है. 10 अक्टूबर से ही आ रहे हैं. सुबह 6 बजे से ही यहाँ हैं, भूख, प्यास से हालत खराब हो गया है लेकिन अल्ट्रासाउंड नहीं हुआ है. छातापुर निवासी मनोज कुमार ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में अल्ट्रासाउंड के लिए लिखा गया है. बोला 8 बजे आईये हम 7 बजे से ही हैं. जिसका सेटिंग है अंदर से पुर्जा लेकर आता है और उसका हो जाता है. हमारा नहीं हो रहा है. कमोबेश यही हाल मेडिकल कॉलेज में अल्ट्रासाउंड और एक्सरे विभाग का भी है. 

वहीं लोगों ने अल्ट्रासाउंड और एक्सरे विभाग के लोगों पर बैक डोर से मरीजों का पुर्जा लेकर अल्ट्रासाउंड और एक्सरे करने का आरोप लगाया तथा अल्ट्रासाउंड जैसे महत्वपूर्ण जांच सप्ताह में दो दिन के जगह सातों दिन होना चाहिए. मेडिकल कॉलेज में दूर-दूर से लोग इलाज के लिए आते हैं, इसलिए एक्सरे विभाग को 50 के लिमिटेशन को समाप्त कर देना चाहिए. इस बावत जेएनकेटी के अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि जानकारी मिलते ही हमने उसे बुलाया. अल्ट्रासाउंड के लिए अभी नया ही उसका पोस्टिंग हुआ है. उसने प्रिंसिपल को लिखकर दे दिया है कि मेरा तबीयत खराब है और छुट्टी लेकर चला गया है. आगे विभाग को सूचित किया जायेगा. वहीं मेडिकल कॉलेज जैसे बड़े संस्थान में दो ही दिन अल्ट्रासाउंड क्यों के सवाल पर उन्होंने कहा कि एक ही लड़का का पोस्टिंग हुआ था. वहीं एक्सरे का काम फिर से शुरू कर दिया गया है.



मेडिकल कॉलेज में अल्ट्रासाउंड और एक्सरे को लेकर मरीज और परिजनों ने किया हंगामा मेडिकल कॉलेज में अल्ट्रासाउंड और एक्सरे को लेकर मरीज और परिजनों ने किया हंगामा  Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 14, 2020 Rating: 5

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