प्रशांत भूषण के विरूद्ध दिए गए फैसले को वापस ले कोर्ट: भाकपा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता प्रशांत भूषण के विरुद्ध दिए गए फैसले एवं डॉ कफील के विरुद्ध मुकदमा वापस लेने की मांग को लेकर भाकपा कार्यकर्ताओं ने उदाकिशुनगंज अनुमंडल व्यवहार न्यायालय के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया.  

लॉकडाउन का पालन करते हुए भाकपा कार्यकर्ताओं ने लोकतंत्र बचाओ, देश बचाओ नारे के साथ प्रदर्शन किया.  

इस अवसर पर भाकपा कार्यकर्ताओं ने योगी सरकार शर्म करो, डॉ कफील पर से षड्यंत्रकारी मुकदमा वापस लो, न्यायपालिका बचाओ लोकतंत्र बचाओ, लोकतंत्र बचाओ देश बचाओ, प्रशांत भूषण संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं के जमकर नारे लगाएं गए. मौके पर  प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए भाकपा के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि आज लोकतंत्र खतरे में है. न्यायपालिका भी मनु वादियों के कब्जे में है. इसे अगर नहीं रोका गया तो देश में पूरी तरह फासीवादी व्यवस्था कायम हो जाएगी. 

भाकपा नेता ने कहा कि प्रशांत भूषण को सच बोलने की सजा दी गई है. यह कैसी और किसकी अवमानना है. उन्होंने कहा कि न्याय की मंदिर की दीवारें दरक चुकी है. सर्वोच्च न्यायालय के चार-चार न्यायाधीशों द्वारा जनवरी 2018 में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहता है कि लोकतंत्र खतरे में है. तब उनमें से एक पर छेड़खानी का आरोप लगाया जाता है. फिर मन मुताबिक फैसला सुनाने पर उस जज को राज्यसभा का सांसद बनाया जाता है. तब अगर कोई न्यायपालिका पर उंगली उठाता है, तो कोर्ट के अवमानना का मामला बन जाता है. प्रशांत भूषण जैसे वकील को जुर्माना किया जाता है. तीन महीने का जेल एवं तीन साल तक वकालत पर रोक लगाने का फैसला सुनाया जाता है. यह लोकतंत्र की हत्या है. 

भाकपा नेता प्रभाकर ने कहा कि गोरखपुर में सैकड़ों बच्चों की जान बचाने वाले डॉ कफील को सम्मानित करने के बदले रासुका लगाकर जेल के अंदर बंद किया जाता है. उन्होंने कहा कि योगी सरकार डॉ कफील से गलती माने और झूठा मुकदमा वापस ले. भाकपा नेता प्रभाकर ने सभी लोकतंत्र पक्षी दलों से एवं संगठनों से संघर्ष तेज करने का आह्वान किया.            
   
मौके पर भाकपा जिला मंत्री विद्याधर मुखिया ने कहा कि भाजपा की सरकार षड्यंत्रकारी एवं तानाशाही सरकार है. यह अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगाकर लोकतंत्र को समाप्त करना चाहती है. भाकपा नेता ने कहा कि डॉ कफील पर से झूठा मुकदमा वापस ले योगी सरकार अन्यथा संघर्ष तेज होंगे. 

इस अवसर पर भाकपा अंचल मंत्री उमाकांत सिंह, सहायक अंचल मंत्री मोती सिंह, वरीय नेता मोहम्मद चांद, मोहम्मद परवेज आलम एवं सचिदा शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र हमारी आत्मा है परंतु फासीवादी भाजपा सरकार इसे खत्म करने को आतुर है. इस अवसर पर भाकपा नेता मनोज राम, सुरेश चौधरी, सोनेलाल पासवान, देवो चौधरी, मोहम्मद फुरकान, मोहम्मद शब्बीर, मोहम्मद जीतन, विद्यानंद पंडित, जंग बहादुर पासवान, मोहम्मद मुलहाइ, मोहम्मद शहाबुद्दीन, हितेश सिंह, विकास कुमार, हलदर शर्मा, रामलाल शर्मा, रणधीर शर्मा, महिला नेत्री अरुणा देवी, विमला देवी, बीवी मूवीरा आदि भाकपा कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल थे. भाकपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या नहीं सहेंगे, संघर्ष हमारा जारी रहेगा.
(रिपोर्ट: उदाकिशुनगंज से कुमारी मंजू)
प्रशांत भूषण के विरूद्ध दिए गए फैसले को वापस ले कोर्ट: भाकपा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन प्रशांत भूषण के विरूद्ध दिए गए फैसले को वापस ले कोर्ट: भाकपा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 02, 2020 Rating: 5

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