आक्रोश के मार्च के दौरान उन्होंने कहा कि जिले में बढ़ रहे अपराध, लूट, हत्या को रोकने में मधेपुरा पुलिस पूरी तरह से विफल है। वहीं दूसरी ओर वाहन चेकिंग के नाम पर प्रतिदिन शहर के अलग-अलग जगहों पर आम नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। समाहरणालय के मुख्य गेट पर पहुंचकर आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी किया। बाद में शीर्ष नेताओं ने जिला पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से मिलकर ज्ञापन सौंपा। युवा अध्यक्ष प्रिंस गौतम और गौरव गोपी ने कहा कि कोरोना महामारी से पहले ही जनता पूरी तरह टूट चुकी है। ऊपर से शहर के बीचों-बीच अलग-अलग जगहों पर वाहन चेकिंग के नाम पर पुलिस चलान काटती है। जिससे आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
वहीं महिला नेत्री नूतन सिंह ने कहा कि जिस पुलिस को जनता की सुरक्षा व्यव्स्था और शहर की शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए नियुक्त किया गया है। जब वहीं पुलिस जनता को परेशान करे तो जनता बेचारी क्या करेगी। विवि अध्यक्ष अमन कुमार रितेश और जिला अध्यक्ष रौशन कुमार बिट्टू ने कहा कि हमलोग वाहन चेकिंग के विरोध में नहीं है। वाहन चेकिंग हो, लेकिन जिला मुख्यालय के सीमा पर हो। जिससे स्थानीय आमलोगों आम लोगों को दैनिक जीवन की समान एवं बीमार लोगों को परेशानी नहीं हो।
आक्रोश मार्च में नगर अध्यक्ष सामंत यादव, युवा रंजन, युवा उपाध्यक्ष रामचंद्र यदुवंशी, दिलीप सम्राट, शलेन्द्र कुमार, रामप्रवेश यादव, राजू कुमार मन्नु, सतीश कुमार, दीपक रस्तोगी, उमेश कोईराला, प्रवीण पप्पू, आशीष यादव, प्रेम सागर, खुशखुश, अजय सिंह यादव, मिथुन किंग, रोशन आर्या, सोनु स्टार, सिन्कु यादव, पिन्टू यादव, मो. रोशन, मो. सलाम, मो. गुलजार, बीबी हुसना खातुन, संजीत, सोनू, अजय, सुशील, उदीश यादव, अभिनाश, अमन, पप्पु, दानिश, मिथिलेश, लल्टू, अजीत, अमित, सुशान्त यदुवंशी आदि शामिल थे।
(रिपोर्ट: कुमारी मंजू)

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