दो जिन्दगी की कीमत लगाई गई एक लाख तीस हजार रूपये, तब मामला रफा-दफा

मधेपुरा जिले के आलमनगर थाना क्षेत्र के खुरहान हाई स्कूल चौक स्थित बसनवाड़ा जाने वाली सड़क में चल रहे गुंजन नर्सिंग होम में शुक्रवार की सुबह  एक गर्भवती महिला की मौत डॉक्टर की लापरवाही से हो गई.

जिसके बाद मृतक के परिजनों द्वारा जमकर बवाल काटा गया एवं नर्सिंग होम में 20 घंटे तक मृतक महिला का शव रखकर हंगामा किया. 

वहीं महिला की मौत के बाद नर्सिंग होम चला रहे संचालक डॉक्टर एवं कर्मी सभी लोग नर्सिंग होम छोड़कर फरार हो गए. नर्सिंग होम संचालक के सहयोगी स्थानीय  ग्रामीणों के द्वारा लगभग 20 घंटे के अथक प्रयास के बाद जच्चा बच्चा की मौत की कीमत 1 लाख 30 हजार रूपये तय की गई. 

मिली जानकारी के अनुसार खगड़िया जिले के पौड़ा गांव निवासी अमित कुमार सिंह की 25 वर्षीय पत्नी जुली कुमारी जब प्रसव पीड़ा से परेशान थी तब परिजनों ने शुक्रवार की अहले सुबह भर्ती करवाया था, जिसके बाद उनका इलाज चल ही रहा था कि दो तीन घंटे के बाद ही हालात और गंभीर हो गई. वहीं इलाज के दौरान महिला की मौत हो गयी. मौत की बात सुनते ही परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जम कर बवाल काटा. 

घटना के संबंध में मृतका के परिजनों ने बताया कि शुक्रवार को सुबह करीब छः बजे इस अस्पताल में भर्ती करवाया था. डॉक्टर के कहने पर 5 हजार रुपये भी जमा किया गया था. परंतु डॉक्टर की लापरवाही की वजह से यह घटना घटी है. परिजनों ने बताया कि मृतका खगड़िया जिला के डुमरी पौड़ा निवासी अमित सिंह की 25 वर्षीय पत्नी जुली कुमारी है. जिसका मायका आलमनगर थाना क्षेत्र के कुंजौरी पंचायत स्थित पतलिया टोला है. मृतक महिला अपने मायके में ही थी. हम लोग भी उन्हीं के घर में थे. 

शुक्रवार की सुबह तबीयत अधिक खराब होने की वजह से बेहतर इलाज के लिए ऑटो कर मधेपुरा ले जाया जा रहा था कि खुरहान हाई स्कूल चौक पहुंचने के बाद ऑटो चालक रास्ता भूल गया और बेलदौर जाने वाली सड़क में ऑटो लेकर चला गया. कुछ दूर जाने के बाद पता चला तो वह घूमने लगा. संयोगवश जहां घूम रहा था वही गुंजन नर्सिंग होम का बोर्ड लगा हुआ था और ऑटो में पेशेंट को देखते ही गुंजन नर्सिंग होम से दो-तीन स्टाफ निकलकर यहां भी बेहतर इलाज होने की बात कह कर झांसे में लेकर महिला को ऑटो से उतारकर नर्सिंग होम ले गया. 

जहां डॉक्टर के द्वारा शत प्रतिशत इलाज का भरोसा देते हुए अग्रिम राशि के रूप में 5000 रुपए जमा  कराया और इलाज आरंभ कर दिया. एक घंटा हुआ भी नहीं होगा कि महिला की तबीयत और बिगड़ गई. जिसके बाद हम लोगों के द्वारा बार-बार कहने पर कि अगर आप से नहीं सम्हलता है तो हमें छोड़ दीजिए हम चल जाएंगे. परंतु उल्टे ही हम लोगों के साथ बदतमीजी करने लगा और यहीं इलाज करने की बात करने लगा. जिसके बाद कुछ ही मिनटों के बाद महिला की मौत हो गई. मौत होते ही डॉक्टर एवं नर्सिंग होम में मौजूद सभी कर्मी किसी न किसी बहाना लगाकर भागने लगे. जिसके बाद हम लोगों ने शव को रखकर जब तक न्याय नहीं मिलेगी इस बात को लेकर नर्सिंग होम में ही जमे रहे. तब जाकर स्थानीय ग्रामीण जो अस्पताल प्रबंधक का सहयोगी था उसके द्वारा खर्च के नाम पर राशि देने की बात कही गई.

वही इस बावत थाना अध्यक्ष उदय कुमार ने बताया कि घटना को लेकर जानकारी मिली थी परंतु मृतक के परिजनों के द्वारा आवेदन नहीं दिया गया जिसको लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई. 

वहीं आलमनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी पदाधिकारी सुरेश चौधरी ने बताया कि घटना को लेकर किसी प्रकार की जानकारी हमें प्राप्त नहीं हुआ है और ना ही गुंजन नर्सिंग होम में होने की जानकारी हमें है.
वहीं इस बावत प्रखंड विकास पदाधिकारी आलमनगर मिन्हाज अहमद को सभी जानकारी देने पर उन्होंने कहा कि मामले की अविलंब जाँच कर कार्रवाई की जायेगी.
(रिपोर्ट: प्रेरणा किरण)
दो जिन्दगी की कीमत लगाई गई एक लाख तीस हजार रूपये, तब मामला रफा-दफा दो जिन्दगी की कीमत लगाई गई एक लाख तीस हजार रूपये, तब मामला रफा-दफा Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 22, 2020 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.