सीबीएसई 10वीं में पूर्णिया निवासी किसान की बेटी बॉबी प्रशांत बनी बिहार-झारखंड टॉपर, बनना चाहती है आईएएस

'हमने उन तुन्द हवाओं में जलाए हैं चिराग,
जिन हवाओं ने उलट दी है बिसातें अक्सर'
            - जां निशार अख्तर

सचमुच पूर्णिया जिला के भवानीपुर प्रखंड मुख्यालय निवासी पेशे से किसान दिलीप कुमार यादव और रूबी देवी की बेटी बॉबी प्रशांत ने उन तुन्द हवाओं के बीच चिराग़ जलाने में सफलता हासिल की है, जहां अबतक केवल आभिजात्य वर्गों की नुमाइन्दगी ही देखने को मिलती थी । 

अभावों और संघर्षों के बीच बिसात उलटने की भी पूरी तैयारी बॉबी ने कर रखी है और अब वह भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की अधिकारी बनकर, माता -पिता ने जो खुली आँखों से सपना देखा है , उसे साकार करना चाहती है । हम बात कर रहे हैं, उसी बॉबी प्रशांत की जिसने सीबीएसई की 10वीं परीक्षा में बिहार - झारखंड में 99.02 फीसदी अंक लाकर सर्वोच्च स्थान हासिल किया है और पूरे देश मे चौथा स्थान प्राप्त किया है । कोसी -सीमांचल में पहली बार किसी ने यह मुकाम हासिल कर साबित किया है कि रेणु की माटी में आज भी 'जीनियस' तत्व मौजूद हैं ।

बॉबी प्रशांत की सफलता के शिखर तक पहुचने की कहानी मुश्किलों से भरी पड़ी है। बॉबी पांच भाई -बहनों में सबसे बड़ी है तो पिता निम्न मध्यवर्गीय किसान और मां गृहिणी है। बॉबी बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि की थी । मां -पापा आर्थिक अभाव में बेहतर शिक्षा हासिल नही कर सके ,लेकिन शिक्षा की अहमियत से बखूबी परिचित थे । लिहाज़ा, बॉबी की प्रतिभा को देखते हुए गॉव में प्रारंभिक शिक्षा दिलाने के बाद छठी कक्षा में अध्ययन के लिए पूर्णिया स्थित बिजेंद्र पब्लिक स्कूल भेज दिया। बॉबी स्कूल के छात्रावास में रहकर साल -दर- साल सफलता की ऊंची सीढियां चढ़ती चली गई । पिता की आर्थिक हैसियत ऐसी नही थी कि बॉबी को शहर के स्कूल में पढ़ाया जा सके, लेकिन मां ने हौसला टूटने नही दिया और येन -केन - प्रकारेण पढ़ाई जारी रही । इस अग्निपरीक्षा में पिता दिलीप यादव को अपनी कृषि योग्य जमीन भी गिरवी रखनी पड़ी, लेकिन बॉबी के स्कूल फी और होस्टल फी में कभी व्यवधान नही आया ।अब बॉबी आईएएस बनना चाहती है तो मां -पापा उस मंजिल को हासिल कराने के लिए एक और बड़ी कुर्बानी दिलाने की तैयारी में जुट गए हैं ।बॉबी की सफलता पर बधाइयों का तांता लगा हुआ है तो कइयों ने सहयोग का भी भरोसा दिलाया है । बेटी की इस सफलता से आह्लादित मां रूबी देवी और पिता दिलीप यादव कहते हैं कि ' बेटियां कहां बेटों से कमतर होती है,जब गिरते हैं बेटे तो संभाल लेती है बेटियां '।

अब तक की सभी परीक्षाओं में बॉबी रही है अव्वल

कहते हैं कि पूत के पॉव पालने में ही नजर आते हैं । बॉबी की पढ़ाई गाँव से ही आरम्भ हुई ।नर्सरी से लेकर 05वी तक बॉबी डॉन बास्को स्कूल , भवानीपुर में शिक्षा पाई। यहां वह हमेशा अपने वर्ग में अव्वल आती रही । उंसके बाद जब बॉबी बिजेंद्र पब्लिक स्कूल पहुची तो हर वर्ग की परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल करती रही । खास यह है कि बॉबी ने स्कूली परीक्षाओं में कभी भी 98 फीसदी से कम अंक हासिल नही किया ।यही परिणाम  बॉबी के लिए उत्प्रेरक साबित हुआ और माता -पिता के लिए उम्मीद की किरण बनी ।इतिहास ने खुद को दोहराया तो बॉबी का नाम उस इबारत के रूप में दर्ज हो गया जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा ।

बॉबी ने कहा उम्मीद से ज्यादा मिला , बनेगी हर हाल में आईएएस

उल्लेखनीय सफलता के गर्भ से आत्मविश्वास का अंकुरण होता है । जाहिर है कि बॉबी अब आत्मविश्वास से लबरेज है और उसके कदम उस सपने को साकार करने की ओर उठ चुके हैं, जिसे वह बचपन से सहेज कर रखी है , कभी खुली आँखों से उंसके मां- पापा ने देखा है और जिसे वह अपने जिंदगी का मंजिल मानती है। बॉबी अब आईएएस बनाना चाहती है । भारतीय प्रशासनिक सेवा को वह मानवता , शोषितों , पीड़ितों और देश सेवा का बेहतर प्लेटफार्म मानती है । बॉबी कहती है 'सोचा नही था कि स्टेट टॉपर बनूंगी, अधिकतम 98 फीसदी की उम्मीद लगाए बैठी थी । स्कूल से जब टॉप करने की खबर आई तो सहसा विश्वास नही हुआ '।बिश्वास नही होने की वजह भी थी , कोई अलग से रणनीति नही, स्कूल की पढ़ाई पर आश्रित रही और हॉस्टल के नियमों से बंध कुल 05 घंटे की पढ़ाई ही टॉपर होने का तगमा पहना डाला । भविष्य की योजनाओं की रूप-रेखा खींचते हुए बॉबी कहती है ' डॉक्टर -इंजीनियर नही ,आगे हुमिनिटीज की पढ़ाई करनी है और आईएएस ही बननी है '।

किसान पिता ने बेटी की पढ़ाई के लिए  जमीन रख दी बंधक 

 बॉबी के पिता दिलीप कुमार यादव महज 06 बीघा जमीन के जोतदार हैं। कोसी -सीमांचल के इलाके में इतनी जमीन पर परंपरागत खेती करने वाले किसान अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी और कपड़े का जुगाड़ कर ले तो उसे प्रगतिशील माना जाता है । ऐसे किसान अपने बच्चों को शहर के किसी पब्लिक स्कूल में पढ़ाने की कोशिश करे तो उसे दुस्साहस ही कहना चाहिए ।लेकिन पिता ने दुस्साहस की हिमाकत की और इस निर्णय में मां रूबी भी मजबूती के साथ खड़ी रही ।इस निर्णय पर उनके अपनो ने भी आपत्ति की । ऐसे लोगों ने कहा ' बेटी तो पराई होती है । गांव में ही पढ़ाओ ,बाहर भेजने की क्या जरूरत है ।पैसे बचेंगे तो कहीं अच्छे घर मे ब्याह देना '। लेकिन बॉबी ने जब अपने पिता से कहा कि " आप मुझे पढाईए ,मैं वैसा कर आपको दिखाऊंगी ,जो यहां अभी तक किसी ने नही किया है "। पिता दिलीप ने बेटी की मंशा पर मुहर लगाई और पढ़ने के लिए पब्लिक स्कूल भेज दिया । हालांकि ,दिलीप यादव को इस दुस्साहस की कीमत भी चुकानी पड़ी है और पढ़ाई के खर्च पूरे करने के लिए उन्होंने अपना डेढ़ बीघा जमीन 1.5 लाख रुपये में गिरवी रख छोड़ा है जिसे  कोसी -सीमांचल के इलाके में 'सुदभरना ' भी कहा जाता है । लेकिन, दिलीप और रूबी देवी को अपने किये पर अफसोस नही है । बल्कि बेटी को आईएएस बंनाने के लिए वे इससे भी बड़ी कुर्बानी की तैयारी कर चुके हैं । बकौल दिलीप यादव "बॉबी के सपने को पूरा करने के लिए अब 10 कट्ठा जमीन बेचने की तैयारी कर चुका हूँ । ताकि उसे बेहतर से बेहतर सुविधा उपलब्ध कराया जा सके । हम चाहते हैं कि वह आईएएस बने "।

बधाइयों का लगा तांता, सहयोग का दिया भरोसा 

बॉबी के घर उत्सवी माहौल है और घर आकर बधाई देने वालों का तांता लगा है तो दूरभाष पर भी बधाई देने का सिलसिला जारी है । बेटी की कामयाबी पर बातचीत में मां -पाप के खुशी के आंसू छलक पड़ते हैं । पिता कहते हैं ' बच्चों की सफलता से बड़ी खुशी मां -बाप के लिए और क्या हो सकती है । हमारे जैसे किसान को बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है , शब्दों में बयां नही किया जा सकता है '। मां रूबी देवी कहती हैं ' हर घर की बेटी को पढ़ाना चाहिए , बेटा - बेटी में फर्क नही होना चाहिए '। बॉबी की सफलता पर सूबे की कैबिनेट मंत्री बीमा भारती , पूर्व मंत्री सह विधायक लेशी सिंह , मिसेज बिहार शिवानी सिंह आदि ने उसके घर पहुचकर बधाई दी । वहीं सांसद संतोष कुशवाहा , पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव , हम के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र यादव ने दूरभाष पर बॉबी की सफलता पर हर्ष जताया है । बिहार पुलिस सेवा से हाल में  त्यागपत्र देकर चर्चित हुए अब साइंस कॉलेज , पटना के व्याख्याता डॉ अखिलेश कुमार ने बॉबी को उंसके लक्ष्य तक पंहुचने में हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया है ।
- पंकज भारतीय (साभार: सीमांचल उदय)
सीबीएसई 10वीं में पूर्णिया निवासी किसान की बेटी बॉबी प्रशांत बनी बिहार-झारखंड टॉपर, बनना चाहती है आईएएस सीबीएसई 10वीं में पूर्णिया निवासी किसान की बेटी बॉबी प्रशांत बनी बिहार-झारखंड टॉपर, बनना चाहती है आईएएस Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on July 20, 2020 Rating: 5

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